pravakta.com
नानाजी देश्मुख् (part 2) - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
नानाजी ने 21, जून 2005 के पत्र में युवाओं को संबोधित करते हुए लिखा है। युवाओं ! जहां चारों ओर अराजकता, ॔ष्टाचार, जातिवाद, प्रांतवाद और आर्थिक विषमता का वातावरण है उसमें ी हमारे वैज्ञानिकों ने स्वदेशी तकनीकों तथा उपलब्ध संसाधनों के बल पर राष्ट्रीय स्वामिन को बनाए रखा है। 1962…