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मुहोब्बत की भला इससे बड़ी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मुहोब्बत की भला इससे बड़ी सौगात क्या होगी जला कर घर खड़ा हूँ मै यहाँ अब रात क्या होगी || गुनाहों में गिना जाने लगा दीदार करना अब हसीनो के लिए इससे बड़ी खैरात क्या होगी || सुबह से शाम तक देखे कई पतझड़ दरीचे में गरजते बादलों…