मुबारक हो नया साल

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परमजीत कौर कलेर

स्पैशल 1 जनवरी 2013

हर दिन की तरह है वही सवेरा है वहीं सुबह है लेकिन आज का दिन खास है …क्यों हैं आज का दिन है खास…आज का दिन अपने साथ लेकर आया है नई उमंग, उत्साह और नई इच्छाएं …भई आज है नया साल ।

हर चेहरे पर छायी है रौनक, नया उत्साह और नई उमंग हर कोई तय दिल से इस दिन का स्वागत करता है …भई पूरे बारह महीनों के बाद आता है नया साल…हर बार नया साल लेकर आता है अपने साथ ढेर सारी खुशियां…हर जाने वाला साल अपने साथ कुछ खट्टी मिठ्ठी यादें छोड़ जाता है …और ये यादें किसी को सुकून देती हैं तो किसी को दर्द… अगर हमें समय के साथ ताल से ताल मिलाकर चलना है तो हमें रूकना नहीं होगा …हमें निरंतर चलते रहना होगा…और वो भी समय के साथ …अगर हम पीछे छूट गए तो हम कभी भी समय के साथ ताल से ताल मिलाकर नहीं चल सकेंगे…इसलिए पुरानी सभी बातों को भुलाकर …नए सिरे से नए साल में कुछ अलहिदा करने का वचन लेना चाहिए….इसलिए तो नए साल की पूर्व संध्या पर हर कोई नए उत्साह और उमंग से लबरेज नज़र आता है…कहते है कि दुनिया बड़ी रंगीली है … इसमें रहते हैं रंग बिरंगे लोग…रंगीली दुनिया से हमारा मतलब है कि इसमें अलग अलग तरह के लोग रहते है और जिनके स्वभाव भी अलग अलग है सो इस रंग बिरंगी दुनिया के लोगों में नए साल को मनाने का अपना ही अंदाज है…दुनिया भर में हर कोई नये साल का जश्न अपने ही ढंग से मनाता है …कोई इसका जश्न धार्मिक तरीके से मनाता है तो कोई निकल जाता है डिस्कों थेक में या पब या क्लब में जाकर ही नए साल का जश्न मनाने को तरजीह देते हैं । रंग बिरंगी इस दुनिया में हर कोई अपने ही ढंग से नए साल का स्वागत करता है…भई साल का आगाज है तो हर कोई इसे मनाना तो चाहेगा…वो भी जश्न के साथ…नए साल की शुरूआत हर कोई अच्छे काम से करना चाहता है…शायद हर किसी का विश्वास होता है कि अगर वो नए साल के पहले दिन की शुरूआत अच्छे काम से करेगा तो वो सारा साल ही अच्छे कार्य को अंजाम देता रहेगा…इसलिए हर कोई अपनी सोच और समझ के मुताबिक नए साल की आमद का स्वागत करता है…इसके लिए कई लोग धार्मिक रंग में रंगे नजर आते हैं वो रूख करते हैं मंदिर ,मस्जिद, गुरूद्वारों, और चर्च की ओर …सबके भले और सुखी जीवन के लिए दुआएं मांगी जाती है …कहते है जो निस्वार्थ भाव से सबके भले के लिए दुआ मांगता है भगवान उसकी पुकार अवश्य सुनते हैं …यही नहीं इस दिन हर कोई अच्छे काम करने का प्रण लेता है…और साथ ही हर गलत काम और बुराईयों को त्यागने का वचन लेता है …जो कि एक अच्छी शुरूआत है…सबको नए वर्ष की बधाईयां दी जाती हैं…सभी गिले शिकवे मिटाकर हर कोई मिलना चाहता है अपनो से क्योंकि जिन्दगी बहुत ही छोटी है …इसलिए हंस गाकर और सबको साथ लेकर मनाए तो इसका अपना ही मजा है जनाब … क्यों कि प्यार से तो किसी को भी जीता जा सकता है…दूरियां मिटती है , सभी मिलते है एक दूसरे के गले …भई खुशियों और जश्न की बहार है तो हर कोई मिलकर मनाना चाहेगा…नववर्ष ।

असी चिट्ठियां पाऊणीयां भुल्ल गए जदों दा टैलीफोन लग्गिया…जी हां पंजाबी गाने की ये पंक्ति सुनकर आप हैरत में पड़ गए होंगे कि हम तो नए साल के जश्न की बात कर रहें हैं तो ये पंजाबी गाने की तुकबंदी क्यों करने लगे …तो बात ही कुछ ऐसी है … मतलब …भई अभी समझा देते हैं …पहले क्या होता था कि हम अपने हर दिल अजीज़ को नए साल की पूर्व संध्या के मौके पर ग्रीटिंग कार्ड भेजते थे …यही नहीं इन ग्रीटिंग कार्ड को कई कई दिन पहले खरीद लिया जाता था.. उसमें लिखे जाते थे अपने दिल के जज्बात , साथ ही सबके भले के लिए होती थी दुआएं और नए साल की ढेर सारी शुभकामनाएं… इन ग्रीटिंग कार्ड का तो अपना ही खास महत्व होता था …अपने शुभ चिंतको के लिए कार्ड देने का होता था अलग ही क्रेज …एक दूसरे को नए साल के कार्ड देने के लिए…दिल के जज्बातों के साथ साथ सारे परिवार के लिए नए साल की शुभकामनाएं होती थी जिसे वो प्यारा दोस्त पाकर बेहद खुश होता था …और दूर से अपने दोस्त या हर दिल अजीज के लिए निकलती थी दुआएं …अपने हर दिल अजीज का कार्ड खोलकर सारे परिवार को सुनाया जाता था…जिसे सुनकर सारा परिवार खुश तो होता था…बच्चे भी अपने दोस्तों मित्रों सहेलियों को रंग बिरंगे कार्ड देते थे…जिसमें नए साल की wishes के साथ साथ रंग बिरंगे होते थे फूल जो ये संदेश देते थे कि आपकी जिन्दगी हमेशा रंग बिरंगे फूलों की तरह रंगीन रहे और आप हमेशा इन फूलों की तरह महकते टहकते रहें … यही नहीं बच्चे स्कैच पैन से रंग बिरंगे फूल बनाकर अपने दोस्तों को देते थे…जिसमें दिल के अलफाजों को बड़े सुन्दर ढंग से ब्यां किया जाता था कि देखने और सुनने वाले हैरत में पड़ जाते थे…मगर आज की भागमभाग भरी जिन्दगी पर भी लगता है आधुनिक रंग चढ़ता जा रहा है अब ग्रीटिंग कार्ड की जगह ले ली है …टैलीफोन और मोबाइल ने…टैलीफोन पर ही देश के किसी भी कोने में बैठे अपने प्यारे यानि हर दिल अजीज , दोस्त , सहेली से बात कर सकते हैं और नए साल की शुभकामनाएं दे देते हैं…यही नहीं है हम दिल के जज्बातों को लिखने के लिए कार्ड का इस्तेमाल नहीं करते … इसकी जगह ले ली है मोबाइल मैसेज ने …मगर ग्रीटिंग कार्ड का तो अपना अलग ही मजा था …भई माडर्नाइजेशन का जमाना है तो उसके साथ तो बढ़ना ही जरूरी है भई ।

नया जमाना और नई सोच सब कुछ नया है तो हमें समय के साथ तो चलना ही पड़ेगा …नहीं तो हम आधुनिकता की दौड़ में पीछे रह जाएंगे…मगर समाज में ऐसे भी लोग हैं जो जिनको नए साल के मायने ही नहीं पता… नया साल अपने साथ लेकर आता है ढेर सारी खुशियां …नये साल का स्वागत हर कोई बड़ी ही गर्मजोशी और हर्षोल्लास के साथ करता है… मगर समाज में ऐसे लोग भी हैं जिनको नये साल के मायने ही नहीं पता …उनके लिए तो सभी दिन एक समान है…भई हम बात कर रहें हैं गरीब तबके की…जिनके लिए कोई भी दिन आए उनके लिए वही रात है और वही सुबह…नए साल का बेशक आगाज हो गया है …मगर इन्हें कोई वास्ता नहीं नए साल की आमद का…इनके लिए कोई दिन खास महत्व नहीं रखता..इन्हें फिक्र है तो बस दो वक्त की रोटी की…उन्हें न तो कड़कती धूप की परवाह है और न ही ठिठुरने वाली सर्दी और बरसात की…रहने को न तो घर है … न ही बिस्तर …जहां जगह मिलती है…उसी जगह को ही बना लिया जाता है आशियाना…न बुढ़ापे की परवाह होती है और न ही बचपन की …शायद ये नन्हें मासूम भी मेहनत की कमाई की अहमीयत समझ जाते हैं…और ये मासूम उम्र से पहले हो जाते हैं स्याना…और अपने माता पिता की मदद के लिए हमेशा रहते हैं तत्पर…नन्हें हाथ समझ जाते हैं ।इन बच्चों को काम से मतलब है…इन्हें न ठंड की परवाह है न गर्मी की …न तन पे कपड़ों की परवाह है और न ही खुद की सुध…भई सवाल दो वक्त की रोटी के जुगाड़ का है…तभी तो सारा परिवार ही जुट रहता है मेहनत करने में नन्हें बच्चे अपने छोटे छोटे हाथों से अपने माता पिता का हाथ बटाने में पीछे नहीं रहना चाहते…

नया साल है तो हर कोई इसकी शुरूआत बड़े ही खूबसूरत अंदाज में करना चाहता है…सारे खुश रहे…हर चेहरे पर मुस्कराहट हो…इसके लिए हमें भी कुछ अच्छा करना चाहिए…इस दिन कुछ लोग गरीबों को दान देते हैं जो कि अच्छी शुरूआत है…अगर हो सके तो गरीबों के साथ नए साल का जश्न मनाएं ताकि उनके चेहरे पर भी एक प्यारी सी मुस्कराहट आ सके…इनके चेहरे पर हंसी लाकर आपको जो सुकून मिलता है शायद वो आपको और कही से नहीं मिलेगा…आप अपने आप पर गौरव महसूस करेंगे…आपके ऐसे कार्यो से भगवान भी बेहद खुश होते हैं…नए साल की आमद पर बाजारों की रौनक तो देखते ही बनती है…कई दिन पहले ही बाजार सज जाते हैं … दुकानदार गिफट की दुकानों को बड़ी ही खूबसूरती से सजाते हैं…इन गिफट को देखकर हर कोई खींचा चला आता है…लंदन में नये साल तो देखने लायक होता है …विदेशों में तो नए साल की आमद पर खूब जश्न मनाए जाते हैं…स्टेज शो के अलावा फैशन शो होते है …नए साल की शुभ घड़ी हो और आतिशबाजी न हो ये भी नहीं हो सकता … आतिशबाजी भी ऐसी कि ऐसे लगता है कि मानो दीवाली हो…भई नए साल का जश्न है तो हर कोई इसमें होना चाहता है गलतान…कोई अपने घर परिवार में बैठकर और टी वी में शो देखकर अपना नया साल मनाता है…तो कोई दोस्तो के साथ पार्टी में जाने को तरजीह देता है… सबकी नजरें होती हैं घड़ी की टिकटिक पर …जैसे ही घड़ी की सुईयां बारह पर पहुंचती है तो शुरू हो जाता है शुभकामनाओं का दौर …हर कोई अपने मित्र प्यारों को नए साल की शुभकामनाएं भेजता है…नया साल आप सब के लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आए…आप दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की करें यही हमारी तमन्ना है……आप यूं ही हसते और मुस्कराते रहें …और जश्न मनाते रहें …यही हमारी तमन्ना है।

 

 

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