मेहंदी मंडित तेरी हथेली
हाथों में चूड़ी अलबेली,
लाल हरी और नीली-पीली
झूलन सावन चली सहेली।
तेरी कुन्दन सी है काया
रूप कहूँ या कह दूँ माया
नेह सभी का तूने पाया
सुख की है बस तुझपर छाया ।
मेघा गरजे ,जल बरसाया
बिजली चमकी , शोर मचाया
साजन ने जब अंग लगाया
सावन तीज त्यौहार लो आया।
सखियाँ झूला तुझे झुलाएँ
दो आगे , दो पीछे जाएँ
ननद भौजाई गीत सुनाएँ
सखी सहेली साथ निभाएँ।
तेरी नाक का है जो मोती
कैसी है ये उसकी जोती
सुमन सुगन्धित हार पिरोती
मांगें सखियाँ सभी मनौती।