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मनुष्य समाज के लिए हानिकारक फलित ज्योतिष और महर्षि दयानन्द - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-मनमोहन कुमार आर्य- सृष्टि का आधार कर्म है। ईश्वर, जीवात्मा एवं प्रकृति तीन अनादि, नित्य और अविनाशी सत्तायें हैं। सृष्टि प्रवाह से अनादि है परन्तु ईश्वर के नियमों के अनुसार इसकी उत्पत्ति-स्थिति-प्रलय-उत्पत्ति का चक्र चलता रहता है। जीवात्माओं को कर्मानुसार ईश्वर से जन्म मिलता है जिसमें वह पूर्व जन्मों के…