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वे हिन्दुस्तानी के लेखक थे और पक्षधर भी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
प्रेमचन्द की जयंती पर वीरेन्द्र जैन जब समाज को बांटने वाली शक्तियां अपना काम कर रही होती हैं तो वे उसे कई स्तरों पर बांटती हैं। दूसरी ओर समाज को एकता के सूत्र में बांधने वाली शक्तियां उसे सभी स्तरों पर बंटने से रोकती हैं हमारे देश के संदर्भ में…