कोलंबो टेस्ट के साथ ही संगाकारा के 15 साल के स्वर्णिम करियर पर विराम लग गया। यकीनन, संगाकारा आधुनिक क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर्स में से एक है.उनके रिकॉर्ड और उनका सौम्य व्यक्कित्व उन्हें महान खिलाड़ियों की जमात में शामिल करता है। संगाकारा सही अर्थोँ में क्रिकेट के दूत है।
कुमार चोकशानडा संगाकारा का जन्म 27 अक्टूबर 1977 को मताले में हुआ था।लेकिन क्रिकेट की दुनिया में वो पहचाने गए कुमार संगाकारा के नाम से। बचपन से ही संगाकारा की टेनिस में प्रति रुचि थी। विकेट के पीछे उनकी प्रतिभा को देखते हुए स्कूल प्रिंसिपल ने ही उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया था। और देखते-देखते ही संगाकारा का बचपन कब क्रिकेट में तब्दील होग या उन्हें खुद भी पता नहीं चला।
संगाकारा के पास ना तो लारा की तरह तेज गेंदबाजों पर हावी होकर खेलने की आकर्षक शैली थी ना गैरी सोबर्स जैसा आक्रमक तेवर बावजूद इसके संगाकारा ने दुनिया भर में रन बनाए।
बाएं हाथ के बेहद स्टाइलिश बल्लेबाज संगाकारा के बारे में कहा जाता है कि वो एक ऐसे दौर में खेले जहां सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, जैक कैलिस, रिकी पोंटिग और महेला जयवर्धनेसरीखे खिलाड़ी मौजूद थे. इस कारण उनकी उपलब्धि इन खिलाड़ियों की चमक के आगे फीकी सी पड़ गई। हालांकि आकडों के आईने में देखे तो संगाकारा कहीं से भी सचिन से कमतर नहीं है लेकिन संगाकारा को क्रिकेट की दुनिया में वो सम्मान नहीं मिला जिसके हकदार थे. दरअसल,संगाकारा भीड़ में छुपे वो नायक थे जिसकी बल्लेबाजी शैली का हर कोई मुरीद था।
बहुत कम लोगों को पता होगा कि मैदान पर बेहद शांत दिखने वाले संगाकारा संगकारा अच्छे वक्ता भी हैं. संगकारा ने 2011 में लॉर्ड्स में एमसीसी स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट काउड्रे पर लेक्टर भी दिया. लगभग एक घंटे के भाषण में संगकारा ने श्रीलंका क्रिकेट के प्रशासनिक ढांचे पर सवाल उठाए थे. उनके इस भाषण की खूब प्रशंसा हुई थी और बाद में इसे श्रीलंका में स्कूल के पाठ्यक्रम में भी जोड़ा गया था।
कुमार संगाकारा के अगर आकड़ों पर गौर किया जाए तो वो इस दौर के सबसे शानदार खिलाड़ी है। संगाकारा ने कुल 404 वनडे की 380 पारियों में 41 बार नाबाद रहते हुए 41.98 की शानदार औसत से 14234 रन बनाए जिसमे से उनकेनाम पर 25 शतक और 93 अर्धशतक दर्ज है। अर्धशतक के मामले में वो सचिन 96 से ही पीछे है सिर्फ यही नहीं संगाकारा सचिन के बाद वनडे में 14 हजार रन पूराकरने वाले एकलौते बल्लेबाज है। कुमार संगाकारा शतक लगाने के मामले में सचिन (49) रिकी पोटिंग(30) और सनत जयसूर्या (28) से ही पीछे है।
संगाकारा ने अपनी बल्लेबाजी शैली की असली झलक टेस्ट क्रिकेट दिखाई में जहां लगभग 58 की औसत से उन्होंने 12400 रन बनाए। संगाकारा सिर्फ विकेट के आगे ही बल्कि विकेट के पीछे भी सफल रहे। वो एक ऐसे आलराउंडर रहे जिसे कोई भी कप्तान अपनी टीम में लेना चाहेगा।
संगाकारा की आलोचना की जाती है कि उन्होंने ज्यादातर रन घरेलू मैदान पर ही बनाए है लेकिन 11 बार 200 या उससे ज्यादा रन बनाना भी कोई आसान काम नहीं है। इसके अलावा श्रीलंका एक छोटा सा देश है। संगाकारा ने अपने देश का नाम विश्व पटल पर नाम कायम किया है। वे अपने खेल की बदौलत दुनियाभर में लोकप्रिय रहे । संगाकारा हालांकि विश्व कप के बाद ही संन्यास लेना चाहते थे लेकिन बोर्ड की खातिर उन्हें पाकिस्तान और भारत से कुल मिलाकर चार टेस्ट और खेलने पड़े.
अपने आखिरी पारी में बिना किसी दवाब के मैदान पर आए थे. भारतीय टीम ने उन्हें गार्ड आफ ऑनर दिया। पी सारा ओवल मैदान पर जज्बात उमड़ चुके थे। खुद संगाकारा अपने 15 साल के करियर को विराम दे रहे थे।
श्रीलंकाई समर्थकों के लिए ये एक गौरव की बात थी। संगाकारा ने श्रीलंका के भविष्य के लिए ऊंचे मानदंड स्थापित किए है। इसमे कोई शक नहीं है कि संगाकारा के संन्यास से श्रीलंका को झटका लगा लेकिन क्रिकेट यहीं है यहां एक से एक खिलाड़ी आते है।अपने खेल से क्रिकेट समर्थकों और क्रिकेट पंडितों को अपना मुरीद बनाते है। संगाकारा उनमे से एक रह है