हिन्दू ह्रदय सम्राट योगी आदित्यनाथ

yogi_adityanathव्यक्तित्व के विभिन्न आयाम
डा.राधेश्याम द्विवेदी
जन्म परिचय व राजनैतिक जीवन:- हिन्दू ह्रदय सम्राट ,योगी आदित्यनाथ जी महाराज गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी एवं सांसद हैं। योगी आदित्यनाथ का वास्तविक नाम अजय सिंह है। आदित्यनाथ बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। उस समय उनकी उम्र महज 26 वर्ष थी। उन्होंने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित से बी.एस.सी किया है। उन्होंने धर्मांतरण (जैसे निम्न वर्ग हिंदुओं को ईसाई बनाना) गौ वध रोकने की दिशा में सार्थक कार्य किये हैं। वे गोरखपुर से लगातार 5 बार से सांसद हैं। वे 1998 से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, जो कि हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है। योगीजी का जन्म देवाधिदेव भगवान् महादेव की उपत्यका में स्थित देव-भूमि उत्तराखण्ड में 5 जून सन् 1972 को हुआ। शिव अंश की उपस्थिति ने छात्ररूपी योगी जी को शिक्षा के साथ-साथ सनातन हिन्दू धर्म की विकृतियों एवं उस पर हो रहे प्रहार से व्यथित कर दिया। प्रारब्ध की प्राप्ति से प्रेरित होकर आपने 22 वर्ष की अवस्था में सांसारिक जीवन त्यागकर संन्यास ग्रहण कर लिया। आपने विज्ञान वर्ग से स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की तथा छात्र जीवन में विभिन्न राष्ट्रवादी आन्दोलनों से जुड़े रहे। विज्ञान स्नातक योगी आदित्यनाथ जी महाराज के विश्व-विष्रुत कृतित्व एवं व्यक्तित्व से सारे भारत वर्ष के ही नही अपितु भारत के बाहर के देशों में भी जहाँ-जहाँ हिन्दू रहते है भलि-भाँति परिचित है। इनकी व्यवहार कुशलता, दृढ़ता, कर्मठता, हिन्दुत्वनिष्ठा असंदिग्ध है। योगी जी के युवा नेतृत्व में थोड़ी ही समय में सम्पूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश में हिन्दू का जो तेजोमय पुनर्जागरण हुआ है वही युगान्तकारी है।
दीक्षाभिषेक और हिन्दू पुनर्जागरण अभियान :- जब सम्पूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश जेहाद, धर्मान्तरण, नक्सली व माओवादी हिंसा, भ्रष्टाचार तथा अपराध की अराजकता में जकड़ा था उसी समय नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध मठ श्री गोरक्षनाथ मंदिर गोरखपुर के पावन परिसर में शिव गोरक्ष महायोगी गोरखनाथ जी के अनुग्रह स्वरूप माघ शुक्ल 5 संवत् 2050 तदनुसार 15 फरवरी सन् 1994 की शुभ तिथि पर गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने मांगलिक वैदिक मंत्रोच्चारणपूर्वक अपने उत्तराधिकारी पट्ट शिष्य उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ जी का दीक्षाभिषेक सम्पन्न किया। आपने संन्यासियों के प्रचलित मिथक को तोड़ा। धर्मस्थल में बैठकर आराध्य की उपासना करने के स्थान पर आराध्य के द्वारा प्रतिस्थापित सत्य एवं उनकी सन्तानों के उत्थान हेतु एक योगी की भाँति गाँव-गाँव और गली-गली निकल पड़े। सत्य के आग्रह पर देखते ही देखते शिव के उपासक की सेना चलती रही और शिव भक्तों की एक लम्बी कतार आपके साथ जुड़ती चली गयी। इस अभियान ने एक आन्दोलन का स्वरूप ग्रहण किया और हिन्दू पुनर्जागरण का इतिहास सृजित हुआ। अपनी पीठ की परम्परा के अनुसार आपने पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक जनजागरण का अभियान चलाया। सहभोज के माध्यम से छुआछूत और अस्पृश्यता की भेदभावकारी रूढ़ियों पर जमकर प्रहार किया। वृहद् हिन्दू समाज को संगठित कर राष्ट्रवादी शक्ति के माध्यम से हजारों मतान्तरित हिन्दुओं की ससम्मान घर वापसी का कार्य किया। गोरक्षा के लिए आम जनमानस को जागरूक करके गोवंशों का संरक्षण एवं सम्वर्धन करवाया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सक्रिय समाज विरोधी एवं राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर भी प्रभावी अंकुश लगाने में आपने सफलता प्राप्त की। आपके हिन्दू पुनर्जागरण अभियान से प्रभावित होकर गाँव, देहात, शहर एवं अट्टालिकाओं में बैठे युवाओं ने इस अभियान में स्वयं को पूर्णतया समर्पित कर दिया। बहुआयामी प्रतिभा के धनी योगी जी, धर्म के साथ-साथ सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा में रत हो गये।
राजनीति में प्रवेश :- महन्त अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई है। अपने पूज्य गुरुदेव के आदेश एवं गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता की मांग पर आपने वर्ष 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, वो 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने। 1998 से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। योगी यूपी बीजेपी के बड़े चेहरे माने जाते थे। 2014 में पांचवी बार योगी सांसद बने। राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली, उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए। योगी विवादों में बने रहे, लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई। 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा। योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए। जनता के बीच दैनिक उपस्थिति, संसदीय क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले लगभग 1500 ग्रामसभाओं में प्रतिवर्ष भ्रमण तथा हिन्दुत्व और विकास के कार्यक्रमों के कारण गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता ने आपको वर्ष 1999, 2004 और 2009 के चुनाव में निरन्तर बढ़ते हुए मतों के अन्तर से विजयी बनाकर चार बार लोकसभा का सदस्य बनाया।
योगी का कद :- अब तक योगी आदित्यनाथ की हैसियत ऐसी बन गई कि जहां वो खड़े होते, सभा शुरू हो जाती, वो जो बोल देते हैं, उनके समर्थकों के लिए वो कानून हो जाता है यही नहीं, होली और दीपावली जैसे त्योहार कब मनाया जाए, इसके लिए भी योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर से ऐलान करते हैं, इसलिए गोरखपुर में हिुंदुओं के त्योहार एक दिन बाद मनाए जाते हैं। गोरखपुर और आसपास के इलाके में योगी आदित्यनाथ और उनकी हिंदू युवा वाहिनी की तूती बोलती है। बीजेपी में भी उनकी जबरदस्त धाक है। इसका प्रमाण यह है कि पिछले लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने हेलीकॉप्टर मुहैया करवाया था।
करिश्माई व्यक्तित्व:- योगी जी जैसे तेजस्वी, उर्जामान तथा अन्नत संभावनाओं से भरे कृति युवा के करिश्माई व्यक्तित्व का आकलन बड़ा ही कठिन है। परम पूज्य गुरूदेव गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज एवं अपने दादा गुरू ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी को अपना आदर्श एवं प्रेरणाश्रोत माननेवाले योगी जी विलक्षण प्रतिभा के धनी है। अपने गुरू महाराज की हर कथनी को करनी में क्रियान्वित करने को निरन्तर तत्पर रहते है। योगी जी हठयोग एवं राजयोग साधना की सैद्धान्तिक, व्यवहारिक प्रक्रिया में पटु, भारतीय संस्कृति, विशेष रूप से हिन्दुत्व के प्रति पूर्णरूप से समर्पित है। गोरक्षपीठ से दीक्षित होने के साथ ही अपनी गुरू परम्परा के अनुसार उन्होंने पूर्वी उ.प्र. में व्यापक जनजागरण का अभियान चलाया। सहभोज के माध्यम से छुआछूत और अंस्पृश्यता की भेदभावकारी रूढ़ियों पर जहां जमकर प्रहार करके बृहद हिन्दू समाज को संगठित किया। संगठित राष्ट्रवादी ताकत के माध्यम से हजारों मतान्तरित हिन्दुओं की ससम्मान घर वापसी का कार्य किया। गोरक्षा के लिये आम जनमानस को जागरूक करके हजारों गोवंश को तस्करों के हाथो से बचाया तथा गोरखपुर समेत पूर्वी उ.प्र. में सक्रिय समाज विरोधी एवं राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर भी प्रभावी अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त की।
सबसे कम उम्र के सांसद:- योगी जी की भौतिक उपलब्धियों में सन् 1998 में भारतीय संसद में सबसे कम उम्र के सांसद के रूप मे चुना जाना, सन् 1997 में पंचम् विश्व हिन्दू महासंघ के आयोजन के कर्णधार एवं सूत्रधार, सन् 1999 में दुबारा सांसद के रूप मे चुना जाना, सन् 2003 में विश्व हिन्दू महासंघ के तत्वावधान में सप्तम विश्व हिन्दू महासंघ का दुर्लभ ऐतिहासिक आयोजन, सन् 2004 का लोक सभा चुनाव भारी बहुमत से जीतना, सन् 2006 में विश्व हिन्दू महासम्मेलन का ऐतिहासिक आयोजन गोरखपुर में करना, सन् 2009 में चौथी बार गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में भारी बहुमत से चुनाव जीतना आदि। यशस्वी एवं तेजस्वी पुरूष अपने कृतित्व एवं पुरूषार्थ के लिए उम्र के मोहताज नही होते। योगी जी ने थोड़े समय में ही अपने स्वयं स्फूर्ति से भावना, परदुख कातरता, कर्मठता, सूझबूझ तथा भगीरथ प्रयत्नों द्वारा हीनताबोध से ग्रस्त मूर्च्छित-प्राय हिन्दू समाज में संजीवनी का कार्य किया है।
हिन्दू संगमों का आयोजन:- वस्तुतः हिन्दू युवा वाहिनी का गठन इसी सोच का परिणाम है। पूर्वांचल में विभिन्न स्थलों में हिन्दू संगमों का आयोजन भी इसी ष्रृंखला की कड़ी है। संप्रति विश्व हिन्दू महासंघ की भारत इकाई के अध्यक्ष, गोरखपुर के लोकप्रिय सांसद, हिन्दू युवा वाहिनी, गोरक्षनाथ पूर्वांचल विकास मंच, ष्रीराम शक्ति प्रकोष्ठ आदि के मुख्य संरक्षक, तीन दर्जन से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण, चिकित्सीय तथा सामाजिक सेवा प्रकल्पों से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े योगी जी स्वधर्म एवं स्वराष्ट्र के प्रति अत्यन्त संवेदनशील है। ओजस्वी वक्ता, योग एवं अध्यात्म के कुशल अध्येता योगी जी सिद्धहस्त लेखक भी है।
बहुमुखी प्रतिभा के लेखक व लिखित पुस्तके:- आपकी बहुमुखी प्रतिभा का एक आयाम लेखक का है। अपने दैनिक वृत्त पर विज्ञप्ति लिखने जैसे श्रमसाध्य कार्य के साथ-साथ आप समय-समय पर अपने विचार को स्तम्भ के रूप में समाचार-पत्रों में भेजते रहते हैं। इनकी लिखित पाँच पुस्तके हठयोग: स्वरूप एवं साधना, राजयोग: स्वरूप एवं साधना एवं हिन्दू राष्ट्र नेपाल – अतीत एवं वर्तमान आदि काफी लोकप्रिय रहीं है। गुरू महाराज द्वारा प्रदत्त नाम के अनुसार आचरण, तीक्ष्ण बुद्धि, दृढ़ इच्छा शक्ति, विचारों में सागरसी गहराई, दीन-दुखियों की मदद को सदैव तत्पर योगीजी को हिन्दू जनता अपने रक्षक के रूप मे देखती है। श्री गोरखनाथ मन्दिर से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पुस्तक ‘योगवाणी’ के आप प्रधान सम्पादक हैं तथा ‘हिन्दवी’ साप्ताहिक समाचार पत्र के प्रधान सम्पादक रहे। आपका कुशल नेतृत्व युगान्तकारी है और एक नया इतिहास रच रहा है।
विवाद और विवादित बयान:-7 सितम्बर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बच गये। यह हमला इतना बड़ा था की सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया। आदित्यनाथ गोरखपुर दंगों के दौरान तब गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी। जिलाधिकारी ने बताया की वह बुरी तरह जख्मी है। तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया परन्तु आदित्यनाथ उस जगह पर जाने को अड़ गए। तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की। अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धान्जली सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया। आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी दी। आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेज दिया गया। उनपर कार्यवाही का असर हुआ कि मुंबई-गोरखपुरगोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा। यह दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में भी फ़ैल गए।उनकी गिरफ़्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी हरि ओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया। कथित रूप से आदित्यनाथ के ही दबाव के कारण मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश सरकार को यह कार्यवाही करनी पड़ी। यह दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में भी फैल गए। उनकी गिरफ्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी और पुलिस का तबादला हो गया।
विवादितबयान:- दादरी हत्याकांड में अपने विवादास्पद बयानों के चलते बीजेपी के सांसद योगी आदित्यनाथ एक बार फिर सुर्खियों में हैं । खुद को हिॆंदुओं का रहनुमा बताने वाले योगी आदित्यनाथ कभी लव जेहाद और धर्मांतरण को लेकर दिए बयानों के चलते पहले भी विवादों में रहे हैं। योगी जी बात उनके समर्थकों के लिए पत्थर की लकीर होती है।
1- दादरी हत्याकांड पर योगी ने कहा यूपी कैबिनेट के मंत्री (आजम खान) ने जिस तरह यूएन जाने की बात कही है, उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। आज ही मैंने पढ़ा कि अखलाख पाकिस्तान गया था और उसके बाद से उनकी गतिविधियां बदल गई थीं। क्या सरकार ने ये जानने की कभी कोशिश की कि ये व्यक्ति पाकिस्तान क्यों गया था। आज उसे महिमामंडित किया जा रहा है।
2- अगस्त 2014 में लव जेहाद’ को लेकर योगी का एक वीडियो सामने आया था, जिसे लेकर काफी हल्ला मचा था। इस वीडियो में योगी आदित्यनाथ अपने समर्थकों से कहते सुनाई दे रहे थे कि हमने फैसला किया है कि अगर वे एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करवाते हैं तो हम 100 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाएंगे। बाद में योगी ने वीडियो के बारे में कहा कि मैं इस मुद्दे पर कोई सफाई नहीं देना चाहता। यह मीडिया की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे वीडियो दिखाने से पहले उनकी जांच कर ले।
3- फरवरी 2015 में योगी आदित्यनाथ ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि अगर उन्हें अनुमति मिले तो वो देश के सभी मस्जिदों के अंदर गौरी-गणेश की मूर्ति स्थापित करवा देंगे। उन्होंने कहा था कि आर्यावर्त ने आर्य बनाए, हिंदुस्तान में हम हिंदू बना देंगे। पूरी दुनिया में भगवा झंडा फहरा देंगे। मक्का में गैर मुस्लिम नहीं जा सकता है, वेटिकन सिटी में गैर ईसाई नहीं जा सकता है। हमारे यहां हर कोई आ सकता है।
4- योग के ऊपर भी विवादित बयान देते हुए योगी आदित्यतनाथ ने कहा था कि जो लोग योग का विरोध कर रहे हैं उन्हेंव भारत छोड़ देना चाहिए। उन्होंने ने यहां तक कहा कि लोग सूर्य नमस्काोर को नहीं मानते उन्हें समुद्र में डूब जाना चाहिए।
5- अगस्त 2015 में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मुस्लिमों के बीच ‘उच्च’ प्रजनन दर से जनसंख्या असंतुलन हो सकता है।
6- अप्रैल 2015 में योगी ने हरिद्वार में विश्वप्रसिद्ध तीर्थस्थल ‘हर की पौड़ी’ पर गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, जिसके बाद काफी बवाल मचा था।
भारतीय जनता पार्टी से सम्बन्ध व बड़े चेहरे :- आदित्यनाथ के भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता एक दशक से पुराना है। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महन्त अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से 1991 तथा 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। योगी आदित्यनाथ सबसे पहले 1998 में गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और तब उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की। लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया और वे 1999, 2004, 2009 व 2014 में सांसद चुने गए। योगी जी ने अप्रैल 2002 मे हिन्दु युवा वाहिनी बनायी जिसके कार्यकर्ता पूरे देश मे हिन्दु धर्म विरोधी कार्यो को रोकने का काम कर रहे है। संसद में सक्रिय उपस्थिति एवं संसदीय कार्य में रुचि लेने के कारण आपको केन्द्र सरकार ने खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग और वितरण मंत्रालय, चीनी और खाद्य तेल वितरण, ग्रामीण विकास मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी, सड़क परिवहन, पोत, नागरिक विमानन, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालयों के स्थायी समिति के सदस्य तथा गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ विश्वविद्यालय की समितियों में सदस्य के रूप में समय-समय पर नामित किया। व्यवहार कुशलता, दृढ़ता और कर्मठता से उपजी आपकी प्रबन्धन शैली शोध का विषय है। इसी अलौकिक प्रबन्धकीय शैली के कारण आप लगभग 36 शैक्षणिक एवं चिकित्सकीय संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, प्रबन्धक या संयुक्त सचिव हैं।
हिन्दुत्व के प्रति अगाध प्रेम तथा मन, वचन और कर्म से हिन्दुत्व के प्रहरी योगीजी को विश्व हिन्दु महासंघ जैसी हिन्दुओं की अन्तर्राष्ट्रीय संस्था ने अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा भारत इकाई के अध्यक्ष का महत्त्वपूर्ण दायित्व दिया, जिसका सफलतापूर्वक निर्वहन करते हुए आपने वर्ष 1997, 2003, 2006 में गोरखपुर में और 2008 में तुलसीपुर (बलरामपुर) में विश्व हिन्दु महासंघ के अन्तर्राष्ट्रीय अधिवेशन को सम्पन्न कराया। सम्प्रति आपके प्रभामण्डल से सम्पूर्ण विश्व परिचित हुआ।
भगवामय बेदाग जीवन:- योगी आदित्यनाथ जी महाराज एक खुली किताब हैं जिसे कोई भी कभी भी पढ़ सकता है। उनका जीवन एक योगी का जीवन है, सन्त का जीवन है। पीड़ित, गरीब, असहाय के प्रति करुणा, किसी के भी प्रति अन्याय एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध तनकर खड़ा हो जाने का निर्भीक मन, विचारधारा एवं सिद्धान्त के प्रति अटल, लाभ-हानि, मान-सम्मान की चिन्ता किये बगैर साहस के साथ किसी भी सीमा तक जाकर धर्म एवं संस्कृति की रक्षा का प्रयास उनकी पहचान है।
पीड़ित मानवता को समर्पित जीवन:- वैभवपूर्ण ऐश्वर्य का त्यागकर कंटकाकीर्ण पगडंडियों का मार्ग उन्होंने स्वीकार किया है। उनके जीवन का उद्देश्य है – ‘न त्वं कामये राज्यं, न स्वर्ग ना पुनर्भवम्। कामये दुःखतप्तानां प्राणिनामर्तिनाशनम्।। अर्थात् ‘‘हे प्रभो! मैं लोक जीवन में राजपाट पाने की कामना नहीं करता हूँ। मैं लोकोत्तर जीवन में स्वर्ग और मोक्ष पाने की भी कामना नहीं करता। मैं अपने लिये इन तमाम सुखों के बदले केवल प्राणिमात्र के कष्टों का निवारण ही चाहता हूँ।’’ पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज को निकट से जानने वाला हर कोई यह जानता है कि वे उपर्युक्त अवधारणा को साक्षात् जीते हैं। वरना जहाँ सुबह से शाम तक हजारों सिर उनके चरणों में झुकते हों, जहाँ भौतिक सुख और वैभव के सभी साधन एक इशारे पर उपलब्ध हो जायं, जहाँ मोक्ष प्राप्त करने के सभी साधन एवं साधना उपलब्ध हों, ऐसे जीवन का प्रशस्त मार्ग तजकर मान-सम्मान की चिंता किये बगैर, यदा-कदा अपमान का हलाहल पीते हुए इस कंटकाकीर्ण मार्ग का वे अनुसरण क्यों करते?
सामाजिक समरसता के अग्रदूत:- ‘जाति-पाँति पूछे नहिं कोई-हरि को भजै सो हरि का होई’ गोरक्षपीठ का मंत्र रहा है। गोरक्षनाथ ने भारत की जातिवादी-रूढ़िवादिता के विरुद्ध जो उद्घोष किया, उसे इस पीठ ने अनवरत जारी रखा। गोरक्षपीठाधीश्वर परमपूज्य महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज के पद-चिह्नों पर चलते हुए पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने भी हिन्दू समाज में व्याप्त कुरीतियों, जातिवाद, क्षेत्रवाद, नारी-पुरुष, अमीर-गरीब आदि विषमताओं, भेदभाव एवं छुआछूत पर कठोर प्रहार करते हुए, इसके विरुद्ध अनवरत अभियान जारी रखा है। गाँव-गाँव में सहभोज के माध्यम से ‘एक साथ बैठें-एक साथ खाएँं’ मंत्र का उन्होंने उद्घोष किया।
भ्रष्टाचार-आतंकवाद-अपराध विरोधी संघर्ष के नायक: – योगी जी के भ्रष्टाचार-विरोधी तेवर के हम सभी साक्षी हैं। अस्सी के दशक में गुटीय संघर्ष एवं अपराधियों की शरणगाह होने की गोरखपुर की छवि योगी जी के कारण बदली है। अपराधियों के विरुद्ध आम जनता एवं व्यापारियों के साथ खड़ा होने के कारण आज पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपराधियों के मनोबल टूटे हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में योगी जी के संघर्षों का ही प्रभाव है कि माओवादी-जेहादी आतंकवादी इस क्षेत्र में अपने पॉव नही पसार पाए। नेपाल सीमा पर राष्ट्र विरोधी शक्तियों की प्रतिरोधक शक्ति के रुप में हिन्दु युवा वाहिनी सफल रही है।
शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा के पुजारी:- सेवा के क्षेत्र में शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता दिये जाने के गोरक्षपीठ द्वारा जारी अभियान को पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने भी और सशक्त ढंग से आगे बढ़ाया है। योगी जी के नेतृत्व में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् द्वारा आज तीन दर्जन से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थाएँ गोरखपुर एवं महाराजगंज जनपद में कुष्ठरोगियों एवं वनटांगियों के बच्चों की निःशुल्क शिक्षा से लेकर बी0एड0 एवं पालिटेक्निक जैसे रोजगारपरक सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का भगीरथ प्रयास जारी है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुरु श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय ने अमीर-गरीब सभी के लिये एक समान उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करायी है। निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों ने जनता के घर तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुचायी हैं।
विकास के पथ पर अनवरत गतिशील:- योगी आदित्यनाथ जी महाराज के व्यक्तित्व में सन्त और जननेता के गुणों का अद्भुत समन्वय है। ऐसा व्यक्तित्व विरला ही होता है। यही कारण है कि एक तरफ जहॉ वे धर्म-संस्कृति के रक्षक के रूप में दिखते हैं तो दूसरी तरफ वे जनसमस्याओं के समाधान हेतु अनवरत संघर्ष करते रहते है; सड़क, बिजली, पानी, खेती आवास, दवाई और पढ़ाई आदि की समस्याओं से प्रतिदिन जुझती जनता के दर्द को सड़क से संसद तक योगी जी संघर्षमय स्वर प्रदान करते रहे हैं। इसी का परिणाम है कि केन्द्र और प्रदेश में विपक्षी पार्टियों की सरकार होने के बावजूद गोरखपुर विकास के पथ पर अनवरत गतिमान है।
योगी आदित्यनाथ सीएम उम्मीदवार
संघ और भाजपा को भले ही अभी यूपी चुनाव में सीएम पद के लिए एक अदद चेहरे की तलाश हो, मगर नागपुर का आशीर्वाद मिलने से गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ खुद को मुख्यमंत्री का दावेदार मानकर बिगुल फूंक दिए हैं। एक वीडियो-सांग में आदित्यनाथ हिंदू बिग्रेड ने सूबे में अबकी बार-योगी सरकार की अपील की है। भोजपुरी के एक बड़े गायक की आवाज वाला यह वीडियो सांग के बोल हैं-
योगी आदित्यनाथ का नारा, बोल रहा है यूपी सारा,
चलो रे भईया अबकी बनाए योगी सरकार के,
तभी अवध में मंदिर बनेगा मेरे प्रभु श्रीराम के…।
बेहद सुरीली और जोशीली आवाज में राम मंदिर के नाम पर भावनाओं को झकझोर देने वाले इस वीडियो से हिंदू वर्ग के लोगों की भावनाओं को योगी के पक्ष में झुकाने की कोशिश की है। हर शख्स के मोबाइल पर माहौल गरम करने वाला गीत पहुंचाने के लिए वीडियो को फेसबुक, व्हाट्सअप सहित सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर दौड़ाया जा रहा है। इसे अब रैली-सभाओं में भी बजाया जाएगा। योगी को इस बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए उनकी भगवा बिग्रेड ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। उनके संगठन हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता दिन में जहां बैनर-पोस्टर के साथ यूपी के कोने-कोने को पाटने जुटे हैं वहीं रात में फुर्सत मिलने पर भाजपा मुख्यमंत्री के रूप में योगी की दावेदारी प्रचारित करने के लिए फेसबुक, व्हाट्सअप पर शेयरिगं मार रहे हैं। ताकि योगी के पक्ष में हवा टाइट रहे।
नागपुर का मिल चुका है आशीर्वाद:- भाजपा में किसी पार्टी प्रत्य़ाशी को अंतिम रूप से हरी झंडी संघ से ही मिलती है। बताया जा रहा कि योगी आदित्यनाथ को संघ के बड़े पदाधिकारियों का समर्थन हासिल हो चुका है। वजह कि योगी आदित्यनाथ की छवि कट्टर हिंदूवा्दी नेता की है। वे हिंदूवादी संगठन हिंदू युवा वाहिनी के मुखिया हैं। संघ पदाधिकारियों के समर्थन के कारण आदित्यनाथ खुद को सीएम उम्मीदवार मान कर चल रहे हैं। यही वजह है कि वे सूबे के विभिन्न जिलों के पार्टी पदाधिकारियों से संपर्क भी साधने में जुटे हैं।
भाजपा के लिए कितने फायदमंद हैं योगी:- संतों के सबसे प्रमुख संगठन नाथ संप्रदाय के आदित्यनाथ मुखिया हैं। जिससे संघ की उन पर दरियादिली बरसना लाजिमी है। वे यूपी में अति सक्रिय और जोशीले युवाओं के संगठन हिंदू युवा वाहिनी का संचालन करते हैं। गोरखपुर के गोरक्षपीठ का महंत होने के कारण गोरखपुर सहित यूपी में धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक प्रभाव उन्हें विरासत में मिला है। गोरखपीठ की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज 26 साल की उम्र में ही योगी आदित्यनाथ सांसद हो गए थे। अब तक इस सीट से लगातार पांच बार संसद पहुंचे हैं। उनसे पहले जब अवैद्यनंद महंत रहे तो वे भी सासंद और उनके गुरु दिग्विजनाथ भी सांसद रहे। कहने का मतलब गोरखपीठ का महंत जो बना तो वह सांसद हो गया। हिंदुत्व की भावना के साथ सियासत का गठजोड़ उन्हें विरासत में मिला है।
सोशल मीडिया पर कैंपेनिंग तेज:- योगी आदित्यनाथ व उनके समर्थकों ने भाजपा से मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। बैनर-पोस्टर सहित हर चुनाव सामग्री का ठेका दे दिया गया है। योगी की चुनाव मैदान में मार्केटिंग के लिए जारी वीडियो को फैलाकर लोगों को भावना में बहाया जा रहा है। बिहार के बड़े भोजपुरी गायक ने गीत को आवाज दी है। आदित्यनाथ के समर्थकों की पूरी फौज समर्थन में न केवल धरातल पर प्रचार कर रही है मगर सोशल मीडिया पर धड़ाधड़-अबकी बार यूपी में योगी जी की सरकार की पोस्ट शेयर हो रही है। दो दर्जन से ज्यादा आईडी योगी आदित्यनाथ के नाम से तैयार कर लाखों लाइक्स बटोर कर योगी के सीएम कंडीडेट की दावेदारी के लिए समर्थन जुटाया जा रहा। अजय सिंह नाम का फायदा मिलेगा, ठाकुर वोटों को भाजपा में योगी आदित्यनाथ मोडेंगे।जो लोग उनके पुराने नाम से परिचित हैं, वे उन्हें एक संत के साथ क्षत्रिय के रूप में भी देखते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंभत्री का दावेदार बनने से बड़ी संख्या में क्षत्रिय भी भाजपा को वोट देंगे। जो अब तक विभिन्न पार्टियों में टूटते रहे हैं।
जातीय समीकरण की खाई को पाट सकते हैं:- यूपी के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि समाजवादी पार्टी के पास यादव और मुस्लिम का ठोस वोट बैंक है। जबकि बसपा का दलित वोटबैंक अकेले सब पर भारी पड़ता है। इसके साथ छिटपुट सवर्ण सहित अन्य पिछड़ी-अति पिछड़ी जातियों के लोग जुट जाने से बसपा दमदार लड़ाई लड़ती है। भाजपा का सवर्ण वोट बैंक भी अब बिखर चुका है। पिछले 14 साल से यूपी की सत्ता से हुए वनवास को खत्म करने में पार्टी के खिलाफ प्रदेश का यही जातीय समीकरण विलेन बना हुआ है। ऐसे में यूपी में सिर्फ योगी आदित्यनाथ के पास ही पार्टी के हिंदुत्व कार्ड को चमकाने की क्षमता है। जिससे पैदा हुई लहर से वे सपा-बसपा के पक्ष में बने जातीय समीकरण को मात दे सकते हैं। योगी धार्मिक आधार पर जातियों की सीमा तोड़कर हिंदू वोट अपने पाले में कर सकते हैं। इन्हीं सब वजहों से योगी की बतौर सीएम मजबूत दावेदारी है। उनके सीएम बनने से हिंदुत्व लहर से भाजपा को भले फायदा हो जाए मगर अब तक भाजपा को कुछ मिल रहे मुस्लिम वोट से हाथ भी धोना पड़ सकता है। कुछ पार्टी नेताओं का कहना है कि भाजपा को मुस्लिम वोट मिलता ही कितना है। स्मृति ईरानी को गोरखपुर भेजना खल रहा समर्थकों को गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ का सिक्का चलता है। वे और उनके समर्थक खुद को प्रदेश में पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री उम्मीदवार मान रहे हैं। मगर मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर 26 मई से शुरू हो रहे विकास पर्व सभा संचालक मंडल की लिस्ट में योगी आदित्यनाथ का नाम न होना समर्थकों को खल रहा है। एक तो तितलौकी दूजे नीम चढ़ने वाली बात यह कि मुख्यमंत्री पद की अन्य दावेदार स्मृति ईरानी को उनके घर गोरखपुर में हुंकार भरने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भेज दिया है। ऐसे में समर्थक थोड़े परेशान भी हैं।

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