केसा हो पति पत्नी के बीच प्यार….

कौन नहीं चाहता या जनता इन शब्दों को–प्रेम, प्यार, इश्क, मोहब्बत, नेह, प्रीति, अनुराग, चाहत, आशिकी, अफेक्शन, लव। ओह! कितने-कितने नाम। और मतलब कितना सुंदर, सुखद और सलोना। आज प्रेम जैसा कोमल शब्द उस मखमली लगाव का अहसास क्यों नहीं कराता जो वह पहले कराता रहा है? जो इन नाजुक भावनाओं की कच्ची राह से गुजर चुका है वही जानता है कि प्यार क्या है? कभी हरी दूब का कोमल स्पर्श, तो कभी चमकते चांद की उजल‍ी चांदनी।

एक समय हुआ करता था जब पति पत्नी के बीच का व्यवहार अपनत्व और विश्वास पर टिका रहता था । अब समय की व्यस्तता या जीवन की भागा दौड़ी या अधिक चाहत की इच्छा मै ये रिश्ता भी टूटता सा जा रहा है ।उस समय को याद करे जब ये रिश्ता कुछ नही होने पर भी सिर्फ साथ होने पर जिंदगी गुजर जाती थी।
एक गाना याद आ रहा है जिसके बोल थे ” तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है, अंधेरो से भी मिल रही रौशनी है” ।
उस समय पति पत्नी सीमितता मे भी खुश जिंदगी जी लिया करते थे और आज अधिकता होने पर भी जिंदगी का आनन्द नही लिया जा रहा ।

पूरे संसार मे भारत ही ऎसा देश है जहां अग्नि के सात फेरे लेते वक्त पति-पत्नी को सात जन्मों तक साथ रहने एवं एक-दूसरे के सुख-दुख मे भागीदार होने का वचन दिलाया जाता है। पति-पत्नी के बीच ऎसा भी नही होना चाहिए कि एक दूसरे की इच्छा-अनिच्छा जाने बिना दोनों मे से कोई एक किसी भी समय सेक्स का राग अलापना शुरू कर दे क्योंकि किसी एक की अनिच्छा से किया गया सेक्स वास्तव मे एक ऎसी मानसिक यातना होती है जिसका परेशान व्यक्ति न तो हर किसी से जिक्र कर सकता है और न ही वह उसे ज्यादा सहन कर सकता है। इसकी परिणति अलगाव या तलाक तक जा सकती है।

पवित्र अगि्न को साक्षी मानकर लिए गए सात फेरे जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं जिसमें प्यार, संयम, समझदारी के साथ जिंदगी भर साथ निभाने का वादा होता है। इसलिए अगर आप भी विवाह के पवित्र बंधन में बंधने जा रहे हैं तो इन वचनों का खास ध्यान रखें ताकि रिश्तों में नयापन, प्यार और विश्वास ताउम्र बना रहे। हमेशा से ही सात नंबर को आध्यात्मिकता से परिपूर्ण और चिरायु प्रदान करने वाली संख्या माना जाता रहा है, क्यों कि सात नंबर अपने अंदर ब़डे गूढ़, आध्यात्मिक दर्शन और पारलौकिक अर्थ छिपाए हुए हैं। इस पुण्य संख्या के साथ ही जुडी है सप्तपदी यानि दो आत्माओं के मिलन के लिए मांगी गई ईश्वरीय स्वीकृ ति। इस रीति के बिना विवाह संपन्न नहीं हो सकता क्यों कि जब तक वर-वधू ये सात कदम नहीं चलते, विवाह अधूरा ही रहता है। सप्तपदी ही एक ऎसी रस्म है जहां साथ रखे हर कदम के साथ वर-वधू एक-दूसरे से सात जन्म तक का साथ साथ निभाने का वादा करते हैं, पर आज के बदलते परिवेश में ये सात वचन कब टूट जाते हैं पता ही नही चलता, इसलिए अगर आप चाहते हैं कि सात जन्मों का साथ वाकई सात जन्मों तक बना रहे तो सात फेरों के साथ जरूरी है इन बातों का ख्याल रखना ||

सेक्स अपने जीवन साथी से समर्पण व सहयोग चाहता है जिसमे पति-पत्नी दोनों में अपनी इच्छा से समर्पित होकर आपस मे ज्यादा से ज्यादा आनंद लेने व देने की कोशिश रहती है। सेक्स के समय किसी भी पार्टनर में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तनाव नही होना चाहिए क्योंकि सेक्स का उद्देश्य तभी सफल व सुखकारी होता है, जब इसे तन-मन की गहराई से संपादित किया जाए। इसके लिए जरूरी होता है कि आपसी मिलन के समय सारे तनाव, चिंता या आपसी गीले शिकवों को दूर ही रखा जाए ताकि दोनों तरफ से पूरा सहयोग हो। सेक्स वास्तव में एक प्राचीन काम कला है जिसके माध्यम से स्त्री-पुरूषों को शारीरिक तृप्त के साथ दिन भर की थकान से मुक्ति एवं मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है।

भारतीय संस्कृति में ऋतुराज वसंत की अपनी महिमा है। वेदों में भी प्रेम की महिमा गाई गई है। यह अलग बात है कि हम जब तक किसी चीज पर पश्चिमी सभ्यता का ओढ़ावा नहीं ओढ़ा लेते, उसे मानने को तैयार ही नहीं होते। ‘योग‘ की महिमा हमने तभी जानी जब वह ‘योगा‘ होकर आयातित हुआ। ऋतुराज वसंत और इनकी मादकता की महिमा हमने तभी जानी जब वह ‘वेलेण्टाइन‘ के पंखों पर सवार होकर अपनी खुमारी फैलाने लगे।

प्रेम एक बेहद मासूम अभिव्यक्ति है। मशहूर दार्शनिक ख़लील जिब्रान एक जगह लिखते हैं-‘‘जब पहली बार प्रेम ने अपनी जादुई किरणों से मेरी आंखें खोली थीं और अपनी जोशीली अंगुलियों से मेरी रूह को छुआ था, तब दिन सपनों की तरह और रातें विवाह के उत्सव की तरह बीतीं।‘‘ अथर्ववेद में समाहित प्रेम गीत भला किसको न बांध पायेंगे। जो लोग प्रेम को पश्चिमी चश्मे से देखने का प्रयास करते हैं, वे इन प्रेम गीतों को महसूस करें और फिर सोचें कि भारतीय प्रेम और पाश्चात्य प्रेम का फर्क क्या है?

प्यार को और क्या नाम दिया जाए, वह तो बस प्यार है, उसे पनपने के लिए ‘स्पेस’ दीजिए। वेलेंटाइन डे तक ही नही वरन हर मौके पर प्यार जैसी खूबसूरत अनुभूति के अहसास को जीये। कल नही बल्कि आज के दिन से इस कोमल भावना के सम्मान का संकल्प लीजिए। इसे खेलने की चीज नहीं बनाएं बल्कि खुशी और खिलखिलाहट की वजह बने रहने दीजिए। जिंदगी को हर पल जीया जा सकता है, बस शर्त ये है की प्यार कभी शर्तों पर न हो ।

जानिए उन बातों को जिनसे आपके रिश्तों में प्यार की मिठास और खुशियां बनी रहे—

1- दाम्पत्य की अटूट कडी है ” विश्वास ” और विश्वास पर ही पति-पत्नी का रिश्ता टिका होता है, इसलिए इसमें शक न लाएं क्योंकि अगर यह एक बार आ जाता है तो पूरी जिंदगी लग जाती है टूटी कडी जोडने में, इसलिए जरूरी है कि विश्वास की नींव हिलने न दें बल्कि इतनी मजबूत बनाएं कि प्रचंड आंधी भी इसे हिला न सके।
2-विवाह के बाद अपनी गृहस्थी, बचत व निवेश की योजनाएं बनाएं और इसके साथ फैमिली प्लानिंग भी करके चलें ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सके और अपनी सुविधानुसार फैमिली बढाई जा सके। 3-कोई इंसान परफेक्ट नही होता है, इसलिए एक-दूसरे में गलतियां न निकालें बल्कि गलतियों को सुधारने का मौका दें। अपने प्यार में इतनी ताकत लाएं कि सामने वाला अपनी कमियों को आपके कहे बिना ही सुधार लें।
4-उनकी पसंद के अनुरूप कार्य करें, मतलब ये नियम अपनाएं “जो तुमको हो पसंद वही बात कहेगें” फिर चाहे वह टीवी देखने का हो या फिर घूमने का, उनकी पसंद को अपनी पसंद बनाएं।
5-अगर पार्टनर खर्चीली प्रवृत्ति वाला है तो कोशिश करें कि खर्चे की सफाई ना मांगे, क्यों कि उनके अपने भी खर्चे होते हैं जिन्हें पूछना व बताना, झग़डे को बढ़ावा देने जैसा होता है, क्यों कि खर्चे करने का हक दोनों का होता है।
6-एक-दूसरे को सरप्राइज जरूर दें। पर झटके वाले ना हों, मतलब जिससे आपका बजट ना बिगडे और पार्टनर भी सरप्राइज देखकर खुश हो जाए।
7-आप चाहें कितने भी व्यस्त क्यों ना हों, पर एक-दूसरे को समय जरूर दें क्यों कि कई बार समय की कमीं के कारण रिश्ते बिखरने लगते हैं, इसलिए अपने पार्टनर के लिए समय जरूर निकालें।
8-रिश्ते में एक-दूसरे के घर की कमियां जरूर गिनाई जाती हैं, इसलिए ऎसे समय पर बुराई तो करें पर बुराई को झगडे का रूप ना दें।
9-गलती होने पर माफी जरूर मांगे, क्यों कि सॉरी कहना बुरी बात नहीं है और ना ही माफ करना मुश्किल काम है,साथ ही माफी मांगने से झगडा आगे नही बढता, इसलिए माफी मांगने में कंजूसी ना करें।
10-कहते हैं रिश्ते में स्पेस जरूरी होता है क्यों कि दूरी से प्यार झलकता है। इसलिए अपने रिश्ते में थोडी दूरी बनाए रखें ताकि आपको उनकी कमी का एहसास हो।
11-सेक्स दाम्पत्य की धुरी है इसलिए एसे अनदेखा ना करें और हर रोज इसमें कुछ नया करने की कोशिश करें। पर जो भी क्रिया करें उसमें पार्टनर की सहमति जरूर होनी चाहिए।
12-अपने पार्टनर के लिए हमेशा ईमानदार रहें और कोई भी ऎसी बात ना छुपाएं जो बाद में पता चलने पर दिल को ठेस पहुंचाए।
13-घर का फैसला हो या फिर अपने लिए कोई भी फैसला अकेले ना लें, बल्कि एक,दूसरे के सलाह-मशविरा लेकर ही फैसला करें।
14- कहते हैं कि खुशियां हमारे आस-पास ही होती हैं,बस उन्हें ढूंढने की जरूरत होती है इसलिए जीवन के हर पल में खुशियां ढूंढे।
15-पति-पत्नि का रिश्ता एक दूसरे के लिए समर्पित होता है,इसलिए अगर आपको लगता है कि आपके पार्टनर व घर के लोगों की जिसमें खुशी है वो आपसे ही पूरी हो सकती है तो उसके लिए कुर्बानी देने में जरा भी संकोच ना करें।
16-अपने साथी की खूबियों की तारीफ करें और इस तारीफ को हो सके तो घर वालों के सामने भी कहें। इससे आत्मविश्वास बढता है।
17-थैंक्यू शब्द जादू का काम करता है, इसलिए अगर आपके पार्टनर ने आपके घर व आपके लिए कुछ किया है तो थैंक्यू जरूर कहें। आपके द्वारा कहा गया थैंक्यू उनको कितनी खुशी देगा उसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते।
18- कभी-कभी हार मान लेना गलत नहीं होता है, इसलिए अगर आपकी गलती नहीे है तो भी हार मान लें। आपका ये व्यवहार देखकर वो आपके आभारी हो जाएंगे।
19-अगर किसी बात को लेकर बहस हो रही है तो उस बात का बतंग़ड ना बनाएं बल्कि तुरन्त खत्म करने की काशिश करें।
20-माना आपकी शादी हो गई है और आप चाहते हैं कि आपका साथी हमेशा आपके साथ रहे तो इस जिद को छोडे और उन्हें दोस्तों के साथ घूमने का मौका भी दें।
21-अगर आपका किसी बात पर झगडा हो गया है तो बिस्तर पर जाने से पहले झगडे को खत्म कर लें ताकि बिस्तर पर बातें हों तो सिर्फ प्यार की।
22-शादी के बाद अगर आपके साथी का कोई शौक पूरा नहीं हो पाया हैे तो उसे पूरा करने का मौका व सहयोग दें और उसके शौक व रूचियों को बरकरार रखें। शौक को पूरा करने में मददगार बनें न कि दीवार।
23-अगर आपकी कोई फरमाइश है तो उसे साथी को बताएं ना कि फरमाइशों को चाय के प्याले के साथ परोसें।
24-शादी के बाद डेटिंग जैसी चीजों को खत्म ना करें बल्कि मौका मिलते ही डेटिंग पर जाएं ताकि पुरानी यादें ताजा हो सकें।
25-“आई लव यू” ये तीन शब्द सारे गुस्से और झगडे को खत्म कर देता है इसलिए इसे कहने से ना चूकें।
26-अगर आपके पार्टनर ने कुछ नया किया है तो उसे कॉम्पलीमेंट जरूर दें,उससे उसका हौसला बढता है।
27-माना ईगो इंसानी व्यक्तित्व का गुण है,जो समाज में आपकी पहचान के साथ अपने आप विकसित होने लगता है, पर इसका मतलब ये नहीं कि रिश्ते में ईगो लाएं।
28-आपसी तालमेल के दौरान हमेशा अदब व शिष्टाचार रखें। कभी भी अपशब्द का इस्तेमाल ना करें। तर्क-वितर्क करते समय आपा ना खोएं।
29-बार-बार अपने पार्टनर को छोड देने की धमकी ना दें,इससे रिश्ते की डोर कमजोर होती है।

30-आमतौर पर ये माना जाता है कि शादी के बाद प्रेम और परिपक्व हो जाता है,इसलिए प्रेम को और बढाएं ना कि कम होने दें।
31-एक -दूसरे को सम्मान दें, क्यों कि आपके द्वारा दिया गया सम्मान तीसरे की नजर में भी आता है, इसलिए गरिमा बनाए रखें।
32-विवाहित जीवन का भविष्य बनाने के लिए जरूरी है कि दोनों एक-दूसरे के प्रशंसनीय पक्ष पर ध्यान दें।

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