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हम हादसों से सबक नहीं लेते
डॉ0 आशीष वशिष्ठ दर्दनाक हादसों से सबक लेने की बजाए शायद हम हादसों को न्योता देने के आदी हो चुके हैं. पिछले एक दशक में देशभर में भगदड़ और सार्वजनिक समारोहों में आग लगने और भगदड़ में जान गंवाने और घायलों का लेखा-जोखा जोड़ा जाए तो आंकड़ा हजारों में बैठेगा.…