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संस्मरण-१ : मानवता अभी मरी नहीं है / विपिन किशोर सिन्हा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
७, मार्च, २०१२ का दिन था। सुबह के सात बजे थे। १४००६ डाउन लिच्छवी एक्स्प्रेस वाराणसी के प्लेटफार्म नंबर-एक पर खड़ी हुई। मुझे इसी ट्रेन से अपने गांव के निकततम स्टेशन दुरौन्धा जाना था। यह स्टेशन सिवान और छपरा के बीच में स्थित है। मेरे पास द्वितीय श्रेणी के वातानुकूलित…