स्वस्थ रहने के लिए साफ सफाई बहुत जरूरी है। स्वच्छता को लेकर गांधी जी ने भी एक अभियान चलाया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश को उसी नक्शे कदम पर ले चलने की बात कर रहे हैं. मोदी सत्ता में आते ही सबसे पहले देश को स्वच्छ और स्वस्थ रखने के लिए स्वच्छता अभियान की एक बार फिर से पहल की थी.
कुछ दिनों तक तो ये अभियान जोर-शोर से चला. अब लेकिन इसकी पोल खुलती दिख रही है. सफाई की पोल खोलती लखनऊ के मेडिकल कॉलेज की ये तश्र्वीर आप को सामने पेश कर रहे हैं. जिसे देख आप हैरान जरूर होगें. ये तश्र्वीर मेडिकल कॉलेज के यूरोलॉजी विभाग के आपरेशन थ्रेटर के बाहर की है. इतने बड़े अस्पताल का ये हाल है.
इस अस्पताल में हजारों की संख्या में लोग इलाज के लिए रोज आते हैं. अगर हाल ऐसा ही रहेगा तो इलाज से ज्यादा तो लोग बीमार जरूर हो जाएगे. चलों बीमार तो बीमार है लेकिन उसके साथ आया स्वस्थ इंसान भी बीमार हो सकता है.
इस कूड़े के ढेर में पड़ी सिरिंज अगर किसी के पैर में लग जाए तो उसे तो लेने के देने पड़ सकते हैं. हर तरफ लिखा अस्पताल को साफ सुथरा रखे. पर ओटी के बाहर का ये हाल. इस कूड़े को दो दिनों से लगातार वही देखा गया. किसी डॉ. ने हटाने को कहा और न ही कोई सफाई कर्मचारी को इसका एहसास हुआ.
सैकड़ो लोगों की भीड़ भी वही खड़ी थी. जो अपने मरीज को जांच कराने के लिए लाए थे. कुछ का आपरेशन भी हो रहा था. सबसे अहम बात थी थोड़ा सा अंदर जाकर वहीं पर आईसीयू था. जिसमें न जाने कितने मरीज जिंदगी और मौत से अपनी जंग लड़ रहे थे.
मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ये लापरवाही स्वच्छता अभियान की एक पोल खोल जरूर रही है लेकिन अब देखना है कि ऐसा कब तक चलता रहेगा. और मेडिकल कॉलेज प्रशासन कब इस पर गौर फरमायेगा.
रवि श्रीवास्तव