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संदेशा भेज रहा हूँ मैं, - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
संदेशा भेज रहा हूँ मैं, संदेशा भेज रहा हूँ मैं, अंतर्मन खोल रहा हूँ मैं, जो बात लबो से कह ना सका, कविता से बोल रहा हूँ मैं, जन्मदाता हो, प्राणदाता हो, मेरे जीवन भाग्यविधाता हो, आपसे बढ़कर कोई नहीं है, मुझको बस मालूम यही है, ये जीवन…