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भारत सरकार
नई दिल्ली |
विषय |- बाबा अमरनाथ यात्रा के सन्दर्भ में हम भक्तजन आपसे निवेदन |
श्रीमान जी
अमरनाथ यात्रा के सन्दर्भ में हम भक्तजन आपसे निवेदन करते हैं कि भोले बाबा जो कि करोड़ों भारतियों की आस्था के प्रतीक हैं की यात्रा को साधारण लोक जन हेतु सरल बनाया जाये | हम लोगों को जब भी कश्मीर की धरती पर जाना होता है तो परायेपन का अहसास होता है और ऐसा प्रतीत होता है कि अन्य राज्यों से आये लोग वहाँ के अलगाव वादी सोच रखने वालों को नहीं सुहाते | हमारी केंद्र सरकार कहती है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लेकिन फिर अपने ही देश के एक राज्य में यात्रा करने पर एक गुलाम का अहसास होता है | कश्मीर में दाखिल होते ही महसूस होता या यह कह लें कि दाखिल होने से पहले ही महसूस होता है कि है कि हम पाकिस्तान में किसी हिन्दू तीर्थस्थल पर जा रहे हैं | इस सम्बन्ध में निवेदन है केवल बाबा अमरनाथ जाने के लिए ही डाक्टर का फिटनेस certificate देना पड़ता है लेकिन गंगोत्री ज्न्मोत्री या हेमकुंड जाने के लिए ऐसी कोई मांग नहीं रखी जाती इस लिए केवल बाबा अमरनाथ यात्रियों के लिए ही ऐसी मांग क्यों रखी जाती है? और जो पर्ची के लिए ३० रूपये काटे जाते हैं उस पर जजिया कर लिखा होता है जो कि हिन्दू निवासियों के लिए एक नमोशी का वाइस है क्योंकि जजिया मुसलमान बादशाह केवल हिन्दू लोगों को बेइज्त करने के लिए लेते थे | भाई काहन सिंह के महान कोष में जजिया का उल्लेख करते हुए लिखा है कि , ” अल्लाउदीन को उसके काजी ने कहा था कि इमाम हनीफा के अनुसार जजिया मौत के तुल्य है , जो इस्लाम कबूल नहीं करता वह कत्ल करने के काबिल है इस लिए उन पर जजिया लगा कर उनको मरे बराबर कर दिया जाता है |
पहले बाबा अमरनाथ यात्रा पर बहुत कम लोग जाते थे लेकिन जब से वहाँ के आतंकवादियों ने कहा है क़ी वह अमरनाथ यात्रियों को गोलियों से भून देंगे तब से वहाँ पर जाने के लिए यात्रियों क़ी भीड़ ही लग गई है | इस संबंध में बहुत पहले लाला जगत नारायण ने अपने पत्र हिन्द समाचर पत्र समूह के संपादकीय में लिखा था कि अमरनाथ यात्री निहत्थे फौजी हैं जो अपनी जान कि परवाह न करते हुए पत्थरों और गोलियों को झेलते हुए कश्मीर में बाबा के दर्शन करने चले जाते हैं और आतंकवादी भी इन यात्रियों पर हर साल पत्थरों और गोलियों कि बोछार करते हुए कई यात्रियों को मार देते हैं |
हमारे विचार से कोई भी धर्म बुरा नहीं है इस संबंध में निजामुदीन औलिया , शेख फरीद को संबोधित करते हुए कहते हैं ”हर कौम रास्त रहे , दिनो क़िबला गाहे ”, जिसका अर्थ है हर कौम जो अपनी धार्मिक पुस्तकों के अनुसार चलती है वह धर्म के अनुसार काम करती है | दरअसल जो लोग यात्रियों पर पत्थरों और गोलियों की बौछार करते हैं वह अपने मजहब से भटकाए गये लोग हैं जिनको कुछ स्वार्थी लोगों ने भटकाया है |
मुहमद साहिब ने एक बार कहा कि किसी भी हालत में निर्दोष व्यक्ति मारा नहीं जाना चाहिए मुस्लिम धर्म बहुत ही पवित्र मजहब है यह किसी आदमी तो क्या जानवर को भी मारने से मना करता है| इस संधर्भ में २२ मई की घटना का उल्लेख करना वाजिब होगा जो लंदन में हुई | २ मुसलमान एक अंग्रेज सैनिक को अपनी कार से टक्कर मारते हैं फिर वह नईजिरिय्न मूल के दोनों मुसलमान कार से निकल कर उस अंग्रेज सैनिक का मांस काटने वाले औजार से गला कट देते हैं, राह चलते लोग स्तब्ध रह जाते हैं | सैनिक की लाश को बीच सडक पर छोड़ देते हैं और दोनों हत्यारे खून से लथपथ हाथों में कत्ल करने वाला औजार और पिस्तौल लेकर मुस्करा कर लोगों को कहते हैं हमारी फोटो खींचो और अल्लह हूँ अकबर के नारे लगते हुए ऊँची आवाज़ में कहते हैं, ”हम आपको नहीं छोड़ेगे | हम लड़ाई बंद नहीं करेंगे |” चाहे किसी भी कारण उन्होंने यह कुकृत्य किया क्या यह मुहम्द साहिब या कुरान शरीफ के अनुसार है ? इसकी हर तरफ से भर्त्सना होनी चाहिए |
तालिबान, लश्करे इस्लाम जैसी तहरीक जो गैर मुस्लिम लोगों को मारना सवाब काम बताती हैं ऐसे लोगों का ही काम है और ये लोग इस्लाम का असल रूप बिगाड़ने वाले हैं ऐसे लोगों के कहने पर ही मुस्लिम लोग अपनी जायदाद को बचाने के लिए अपनी लडकियों की शादी कुरान शरीफ से कर देते हैं | ऐसी घड़ी गयी रस्म के कारण ही भुट्टो साहब की दो बहनों की शादी कुरान शरीफ से कर दी गयी थी |
काफ़िर का अर्थ अमुस्लिम नहीं है | काफ़िर का अर्थ है जो भगवन को नहीं मानता चाहे उसको God ईश्वर ,राम , वाहेगुरु या अल्लाह कहा जाये |
यह terrorists या मुजाहिदीन मुस्लिमान नही हैं | यदि वह महसूस करते हैं कि वह मुस्लिम हैं तो वह , मुहम्मद साहिब या कुरान शरीफ के रास्ते पर नहीं चल रहे | मुस्लिम मजहब के अनुसार ३ तरह के जिहाद होते हैं, उनमे से एक जिहाद, ’जिहाद बिल सैफ है’ जिहाद बिल सैफ उस समय वाजिब है जब दुश्मन ने देश पर हमला कर दिया हो |
मुस्लिम मजहब की पुस्तकों के अनुसार खुद को किसी भी तरह मारना (suicide) या किसी दुसरे को देश में शांति के समय मारना कुफर है | स्वार्थी लोग अपने फायदे के लिए जवान मुस्लिम लोगों को उनके सही रास्ते से भटकाते हैं कि, अमुस्लिम लोगों को मारने से उनको जन्नत में स्थान मिलेगा लेकिन यह मजहब के अनुसार गलत है क्योंकि बेकसूर लोगों को मारने से उनका या मजहब का कोई उदेश्य पूरा नहीं होगा, क्योंकि खुद को मारने या किसी निर्दोष को मारने से यह लोग न तो अपनी कौम के प्रति, या अपने मां बाप के प्रति या अपने बच्चों के प्रति अपना फर्ज़ निभाते हैं | मुस्लिम मजहब कि पुस्तकों के अनुसार ऐसे लोग दोजख में जायेंगे | इस तरह वह बिना किसी PURPOSE के अपनी जान गवां लेते हैं | निम्न पंक्तियाँ उनके लिए ही हैं , “न खुदा ही मिला न विसाले सनम , न इधर के रहे न उधर के रहे .”|
हमारी मांग है कि:-
१. रजिस्ट्रेशन जो ३० रपये में होता है तीव्र गति से हो और उसकी रसीद जरी कि जाये
२. मेडिकल टेस्ट जो करीब ५००/- रूपये में होता है सरकारी खर्चे पर हो और हज यात्रियों कि तरह बाबा के दर्शन पर जाने वाले लोगों को सब्सिडी दी जाये |
३. जे एंड के पोलिस दुसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर प्रवेश के नाम पर तंग परेशान न करे इस संबंध जे एंड के सरकार करप्शन को कण्ट्रोल करे |
४. लंगर लगाने वाली संस्थाओं से किसी किस्म की शुल्क की मांग न की जाये |
५. भोले बाबा के दर्शनों की अवधि को जे एंड के की सरकार माह १६ मई से दीवाली तक बढाये |
आप से निवेदन है कि उक्त बिन्दुओं पर ध्यान दिया जाये तांकि यह यात्रा एक सुखद यादगार बन जाये|
धन्यवाद
निवेदक
(Name: yash rattan
Email: yrd1950@gmail.com)