लग जा गले कि हंसी रात हो न हो…

जमाना गुजर गया या कहें कि एक पूरा का पूरा दौर अलविदा कह गया लेकिन आधुनिकता के साथ हम सभी अपने भूत को सलामी देकर बीत जाने की इजाजत देते रहे. जिंदगी बड़ी होनी चाहिए….लंबी नहीं जी हां काका की विदाई ने हमारी आंखों से आंसुओं के दरिया को बहने की इजाजत दे दी. फिर जोहरा आपा ने भी तो अपने किरदार को अलविदा कह दिया. जिसके बाद जोहरा आपा के साथ सेक्स की तमाम कहानियां मीडिया ने उछाल दीं. हालांकि इस विषय पर संवेदनशीलता दर्शाते हुए मैंने कलम को मीडिया के तमाम सीखचों में डालकर बताने की, जताने की कोशिश की कि ये कुछ सही नहीं है. आज यूं ही एक खूबसूरती, गुजरे हुए जमाने की कातिलाना अदाएं राख हो जाएंगी. लग जा गले कि फिर हंसी रात हो न हो शायद इस गीत ने हकीकत का रंग ले लिया हो.
जी हां साधना…एक ऐसी अभिनेत्री जिन्हें भले ही लोग चेहरे से न पहचानते हों लेकिन बालों के साधना स्टाइल से सभी जानते हैं. 74 साल की उम्र में साधना कहीं गुम हो गईं. पर उनका झुमका गिरा रे संगीत आज भी कानों के इर्द गिर्द ही घूमता है.

sadhanaकहां तुम चले गए…..

74 साल की साधना काफी लंबे अरसे से बीमार चल रही थीं. जानकारी के मुताबिक मुुंह के कैंसर से पीड़ित साधना पिछले साल आईसीयू में भर्ती हुईं, जहां नौ घंटों तक सर्जरी चली. साधना 25 दिसंबर को हिंदुजा अस्पताल में अपने चाहने वालों, अपने करीबियों से आखिरी विदाई ले गईं. पिछले साल साधना तब एक बार फिर से चर्चा में आईं जब वे ट्यूमर से जूझ रही थीं.

साधना की पहचान और साधना से पहचान

चूड़ीदार कुर्ता, शरारा, गरारा, कान में बड़े झुमके, बाली और लुभावनी मुस्कान ये सभी चीजें साधना की पहचान रहीं. जबकि 60 के दशक में साधना के हेयरस्टाइल ने लड़कियों को उनका दीवाना बना दिया. साधना की इस हेयर स्टाइल को रोम हॉलिडे फिल्म में आंद्रे लुक से प्रेरित बताया जाता है. साधना से मिली इस पहचान को कई सारी लड़कियों ने फॉलो किया. जो कि साधना हेयर कट के नाम से काफी ज्यादा चर्चित हुई.

साधना हेयर स्टाइल का क्या था राज

दरअसल साधना ने अपने चौड़े माथे को छुपाने को लिए इस तरह का हेयर कट अपनाया ताकि उनका माथा बालों से ढ़का रहे. पर, ये स्टाइल लड़कियों को कुछ इतना पसंद आया कि 60 एवं 70 के दशक की हर लड़की इस हेयरकट को फॉलो करने लगी.

नायकों के साथ साधना

साधना के साथ प्रमुख नायकों में जॉय मुखर्जी, देव आनंद, सुनील दत्त, मनोज कुमार, शम्मी कपूर, राजेंद्र कपूर, राज कपूर, फिरोज खान, शशि कपूर, किशोर कुमार, संजय खान, और वसंत चौधरी आदि का नाम इस फेहरिस्त में शामिल है.

सुपरहिट गीतों की सुपरहिट साधना

हाल की सुपरहिट हिरोईन्स में करीना कपूर भी एक जाना माना नाम है. दरअसल करीना कपूर का जिक्र हमने यहां इसलिए किया क्योंकि करीना की मां बबीता की चचेरी बहन साधना थीं. साधना के कई गीत सुपरहिट रहे. जिनमें से झुमका गिरा रे और मेरा साया साथ साथ होगा और लग जा गले कि फिर हंसी रात हो न हो प्रमुख हैं.

साधना का जन्म

साधना का जन्म 2 सितंबर, 1941 को संयुक्तभारत के शहर कराची में हुआ था. आज ये शहर पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर है. साधना ने जाने-माने फिल्म निर्देशक आरके नैयर से शादी की थी. साधना दंपत्ति कोई औलाद नहीं थी.

…और मुहब्बत तब परवान चढ़ी

लव इन शिमला फिल्म के साथ ही साधना की हेयर स्टाइल काफी चर्चित हुई. इस फिल्म के दौरान साधना और रामकृष्ण नैयर की मुहब्बत परवान चढ़ी और दोनों ने शादी करने का फैसला किया. 7 मार्च 1966 को दोनों शादी के बंधन में बंध गए.

सुपरहिट फिल्में

साधना ने मेरा साया, वो कौन थी और वक्त जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया. उन्होंने अपनी फिल्‍मी करियर की शुरुआत 15 साल की उम्र में वर्ष 1955 में आयी राज कपूर की फिल्‍म ‘श्री420’ से की थी. इस फिल्‍म में उन्‍होंने कैमियो किया था। इसके बाद उन्‍होंने कई बेहतरीन फिल्‍में दी. अपने जमाने की चर्चित हिरोईन साधना ने करीबन 35 फिल्में कीं.

फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कहने के बाद साधना मानों कहीं खो गईं. उन्हें फिल्म से जुड़े कार्यक्रमों में शरीक होना भी पसंद नहीं आता था. जिसकी वजह थी साधना की बीमारियां. फिल्मों से तो साधना कब की खो चुकी थीं लेकिन दुनिया से अब वे खो गई हैं. हालांकि उनकी यादों के तौर पर साधना हेयर कट, झुमका गिरा रे, लग जा गले हमारे दिल में हमेशा बने रहेंगे.

हिमांशु तिवारी आत्मीय

 

 

1 COMMENT

  1. साधना की पहली फिल्म लव इन शिमला थी,पर मैंने सबसे पहले एक मुसाफिर एक हसीना देखी थी.इसके बाद तो हाल यह हो गया कि शायद ही साधना की कोई फिल्म ऐसी हो, जो मैंने न देखी हो. जब मैंने गीता मेरा नाम ( शायद साधना की अंतिम फिल्म) देखने का प्रोग्राम बनाया,तो मेरे एक मित्र ने मना कियाथा कि मत देखो,साधनाके प्रति विचार बदल जाएंगे.फिर भी मैंने फिल्म देखी.पसंदीदा हीरोइन में केवल कहीं कहीं उसके बीते दिनों की झलक दिखी.साधना ने शायद ही कोई यादगार किरदार निभाया हो,पर वह उस जमाने के युवकों के ह्रदय परबहुत दिनों तक राज अवश्य करती रही थी.श्रद्धांजलि.

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