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लग जा गले कि हंसी रात हो न हो… - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
जमाना गुजर गया या कहें कि एक पूरा का पूरा दौर अलविदा कह गया लेकिन आधुनिकता के साथ हम सभी अपने भूत को सलामी देकर बीत जाने की इजाजत देते रहे. जिंदगी बड़ी होनी चाहिए….लंबी नहीं जी हां काका की विदाई ने हमारी आंखों से आंसुओं के दरिया को बहने…