भारत रत्न राजीव गांधी: एक विलक्षण व्यक्तित्व

-श्याम नारायण रंगा ‘ अभिमन्यु’-

rajiv gandhiभारत के नौंवे प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी भारत की महान् नेत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी व फिरोज गांधी के पुत्र व प्रधान के प्रथम प्रधानमंत्री व आधुनिक भारत के निर्माता श्री जवाहर लाल नेहरू के नाती थे। राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुम्बई में हुआ था। राजीव गांधी ऐेसे परिवार के सदस्य थे जिसका प्रत्येक सदस्य आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्यौछावर किए हुए था। राजीव गांधी के नाना पण्डित जवाहर लाल नेहरू उनके जन्म के समय अपनी अंतिम व नौवीं जेल यात्रा पर थे और उनकी माता श्रीमति इंदिरा गांधी पंद्रह महिने पहले ही जेल से छुटी थी और पिता फिरोज गांधी भी आजादी की लड़ाई के लिए उनके जन्म से एक वर्ष पहले ही जेल से बाहर आए थे। सरल स्वभाव व मिलनसार व्यक्तित्व के धनी राजीव गांधी जिनका पूरा नाम राजीव रत्न गांधी था एक संकोची प्रवृत्ति के भी इंसान थे और अपने भाई संजय गांधी की मृत्यु के बाद अपनी मां इंदिरा गांधी का राजनैतिक सहारा बनने के लिए अमेठी से सांसद के रूप में पहली बार राजनीति में आए। राजीव गांधी की प्रारंम्भिक शिक्षा देश के प्रतिष्ठित दून स्कूल में हुई थी ओर इसके बाद राजीव गांधी ने लंदन की इंपीरियल कॉलेज में प्रवेश लिया और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त की। भारत आकर राजीव गांधी ने इंडियन एयरलाइंस में पायलट के तौर पर काम शुरू किया।

राजीव गांधी को अपने नाना से ‘आराम हराम है’ और अपने पिता से ‘अपना काम खुद करो’ की प्रेरणा मिली थी। राजीव गांधी को 1981 कांग्रेस पार्टी का महासचिव बनाया गया और इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद राजीव गांधी ने विश्व के लोकतंत्र में सबसे युवा व भारत देश के नौवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। राजीव गांधी एक उदार व्यक्तित्व के राजनेता माने जाते थे और अपनी माता की मृत्यु के बाद हुए चुनावों में राजीव गांधी ने विश्व रिकार्ड के साथ भारत की संसद में अपना बहुमत साबित किया। राजीव गांधी सौम्य स्वभाव के राजनेता थे और किसी भी निर्णय में जल्दबाजी नहीं करते थे वे अपने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर व विचार विमर्श करके ही किसी निर्णय पर पहुंचते थे। राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री बनने के बाद भारतीय राजनीति के पन्नों पर अपनी सोच और अपने सपनों को उकेरना शुरू किया लेकिन उन्होंने जो सोचा वो पुराने ढर्रे की राजनीति से एकदम अलग था। राजीव गांधी ने दिल्ली दरबार से बाहर निकलकर देश के गांवों में जाना शुरू किया और इस देश की नब्ज को टटोलना शुरू किया।

राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री काल में प्रशासन में सरकारी नौकरशाही में सुधार लाने और देश की अर्थव्यवस्था में उदारीकरण के लिए जोरदार प्रयास किया। कश्मीर और पंजाब के अलगाववादी आंदोलनकारियों को हतोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी ने भरकस कोशिशें की। राजीव गांधी ने देश के गरीबों के उत्थान के लिए देश में 1 अप्रेल 1989 को जवाहर रोजगार गारंटी योजना, इंदिरा आवास योजना और दस लाख कुंआ योजना जैसी योजनाएं चालू की। भारत में कम्प्यूटर व संचार क्रांति के जनक के रूप में राजीव गांधी को सदैव याद किया जाएगा। देश में रेलवे का कम्प्यूटरीकरण करके राजीव गांधी ने इस देश के सामने क्रांतिकारी परिवर्तन करके रख दिया। राजीव गांधी एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जो जनता से सीधे जुड़े थे और एक ऐसे नेता के रूप में विख्यात थे जिनकी पहुंच देश के आम आदमी के हृदय तक थी। राजीव गांधी ने सबसे पहले क्षेत्रवाद से आगे बढ़कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बात सोची और भारत को 21वीं सदी का भारत बनाने की सोची।

आज हम जिस आधुनिक भारत में सांस ले रहे हैं और आज जो घर घर में कम्प्यूटर है और हर हाथ में मोबाईल है, आज जिस भारत का लोहा अमेरिका सहित पूरी दुनिया मान रही है और जिस आधुनिक भारत की तरफ विश्व आशाजनक दृष्टि से देख रहा है, वह भारत ओैर भारत का यह वर्तमान स्वरूप राजीव गांधी की ही देन है। विकास को पसन्द करने वाले राजीव गांधी ने कभी भारत को मजबूत, महफूज और तरक्की की राह पर रफ्तार से दौड़ता मुल्क बनाने का सपना देखा था। राजीव ने ही भारत को विश्व के साथ कदम से कदम चलाकर चलना सीखाया था। राजीव गांधी ने दक्षिण एशिया में शांति के प्रयास किए और इस देश में भाषा के आधार पर हो रहे बिखराब को भी रोका। इसी का परिणाम था कि राजीव गांधी ने श्रीलंका में शांति प्रयासों के लिए भारतीय सैन्य टुकड़ियों को भेजा लेकिन इसके नतीजे में वे खुद लिट्टे के निशाने पर आ गए और उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।
मुझे याद है वो दिन जब राजीव गांधी की हत्या हुई। पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई थी और ऐसा लगा कि इस देश ने अपने एक ऐसे पुत्र को खो दिया जो इस देश के रग रग में रचता बसता था। लोग राजीव गांधी को देखने व सुनने के लिए टीवी देखा करते थे। एक ऐसा प्रधानमंत्री जिसने उस दौर में पंजाब की यात्रा की जब देश की खुफिया एंजेसिंयों ने ऐसा करने से उनको मना किया। राजीव गांधी वो शख्स थे जो जब यात्रा पर जाते थे तो जय रास्ते से अलग होकर गांवों में जाते और आम आदमी के घरों मे जाना और हर व्यक्ति से हाथ मिलाना जैसे उनको अपनी मां ओर नाना से विरासत में मिला था। राजीव गांधी की हत्या पर देश के हजारों लोगों ने अपने घरों में होने वाली शादियों को स्थगित कर दिया था। हमारे मुहल्ले में राजीव गांधी के तेहरवें दिन के भोज का आयोजन किया गया और एक बड़ा आयोजन हुआ जिसमें शहर के गरीबों को भोजन करवाया गया। मेरी स्मृति में है कि देश में हजारों लोगों ने राजीव गांधी की मृत्यु पर मुंडन तक करवाया था। ऐसी लोकप्रियता वाले नेता होना अब दिवास्वप्न सा हो गया है और आने वाली पीढि़यां शायद विश्वास नहीं करेगी कि किसी राजनेता की ऐसी लोकप्रियता भी होती है।

3 COMMENTS

  1. आज श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व अधीन भारत में पहली बार स्थापित सम्पूर्ण राष्ट्रवादी केन्द्रीय शासन के अवसर पर चहूँ ओर मचे हर्षोल्लास के बीच यह अप्रासंगिक लेख अनावश्यक ही नहीं बल्कि रंग में भंग डालते दिखाई देता है|

  2. vahre rangaji aap sachche kongres bhakt hai jitni bhi yojna ye aayi usase desh valp ka nahi desh chalane valo ka bhala huva hai —-jara rajiv ka bhutkal pe njar daliye koi pad janese kusalta nahi aati kusalta to barso kam karne ke bad aati hai jo bhi chamak dhamak dekh rahe ho vo us dorki hogi iska matlab ye nahi ki iski nipunta hai iska matlab to vahi huna ki gandhi parivar ke alava jo bhi kongres me hai vo sab budhdhu hai ?????????????

    • पाठकों के लाभार्थ श्री नरेन्द्रसिंह जी द्वारा हिंदी टिप्पणी के उपरोक्त रोमन शैली में लिप्यंतरण को फिर से देवनागरी में प्रस्तुत किया है|

      वाह रे रंगा जी आप सच्चे कांग्रेस भक्त हैं| जितनी भी योजना ये आई उससे देश वालों का नहीं देश चलाने वालों का भला हुआ है—जरा राजीव के भूतकाल पे नज़र डालिए| कोई पढ़ जाने से कुशलता नहीं आती; कुशलता तो बरसों काम करने के बाद आती है| जो चमक धमक देख रहे हो वो उस दौर की होगी इसका मतलब ये नहीं कि इसकी निपुणता है; इसका मतलब तो वही हुआ कि गाँधी परिवार के अलावा जो भी कांग्रेस में है वो सब बुदधू हैं?????????????

      हिंदी देवनागरी में लिखें, शुद्ध हिंदी बोलें व ओरों को भी ऐसा करने के लिए कहें| धन्यवाद|

  3. बहुत अच्‍छा सारगर्भित भावनात्‍मक टच वाला आर्टिकल रचा है जी आपने जो सत्‍य से सरोकार कराता है ।भारतरत्‍न राजीव गांधी को नमन ।

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