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भारतीय कृषि: सुख-समृद्धि का मूलाधार - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
महंगे रसायनों के कर्जे, जमीन मृत, झूठे सपने दिखाने वाली सरकारों के कारण लिए हुए अन्य कर्जे, बिचौलिए इन सबमें हमारा किसान मारा गया। हमारी धरती माता मारी गयी, जिसके मूलाधार उसकी समृद्ध मृत्तिका और शुद्ध जलस्रोत थे। शाकवने रम्यं चन्दने रक्तचंदनै:। हरीतकी कणिकार धात्री वन विभूषितम॥ द्राक्शावाल्ली नागवल्ली कणावल्ली…