सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र मे हिमाचल सरकार ने प्रशंसनीय कार्य किए

हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक विकास को काफी प्रोत्साहित किया गया है। हिमाचल प्रदेश में व्यवसायियों को प्रदूषण रहित वातावरण, विद्युत की अत्यधिक उपलब्धता और तीव्रता से विकसित हो रही मूल संरचना, शांत वातावरण, प्रतिक्रियात्मक और पारदर्शी प्रशासन इत्यादि कुछ अन्य अतिरिक्त लाभ प्राप्त होते हैं। साथ ही हिमाचल प्रदेश की स्थिति यहां पर सूचना प्रौद्योगिकी के विकास के लिए, यहां की विरासत और अतिरिक्त लाभों का उपयोग करने की दृष्टि से विशेष है तदनुसार राज्य सरकार ने नई डिजिटल अर्थव्यवस्था की विकासात्मक प्रक्रिया में सभी की एकीकृत साझेदारी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के लिए एक अनुकूल वातावरण का निर्माण किया है। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने सरकार व जनता के बीच महत्वपूर्ण सम्पर्क बनाए रखने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को लोक मित्र बनाने पर बल दिया है।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य को सूचना प्रौद्योगिकी के शिखर पर ले जाने के लिए ‘नैसकॉम’ के सहयोग से ‘सूचना प्रौद्योगिकी विजन-2010’ तैयार किया है। सूचना प्रौद्योगिकी नीति के तहत यह फैसला किया गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी से सं‍बद्ध सेवाओं और शैक्षिक संस्थापनों समेत सभी सूचना प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को उद्योग का दर्जा दिया जाए। इसलिए वर्तमान औद्योगिक नीति के अंतर्गत उद्योगों को उपलब्ध सभी प्रोत्साहन सुविधाएं राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी इकाइयों को भी दी जा रही है।

सरकारी कामकाज में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेधमाल का उद्देश्य ‘स्मार्ट’ (एस.एम.ए.आर.टी.- सिंपल, मॉरल, एकाउंटेबल, रेस्पांसिव और ट्रांसपेरेंट) सरकार कायम करना है। राज्य सरकार की वेबसाइट का पता है – https://himachal.nic.in इस वेबसाइट के जरिए नागरिकों को उन पर केंद्रित सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और इसमें निचले स्तर से इनपुट लेने का भी प्रावधान है। राज्य सरकार ने राज्य व्यापी क्षेत्रीय नेटवर्क (HIMSWAN) स्थापित कर लिया है जोकि इंटरनेट से भी जुड़ा है। प्रत्येक तीसरे व्यक्ति को लोकल एरिया नेटवर्क (एल.ए.एन.) उपलब्ध कराने के लिए एच.पी. सेक्रेटरिएट लोकल एरिया नेटवर्क स्थापित किया गया है। इसके चरण-II में सभी जिला मुख्यालयों को राज्य मुख्यालय के साथ जोड़ा जाएगा। शिमला में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क और हाईस्पीड डाटा कनेक्टीविटी सुविधाएं शुरू की जा चुकी है। राज्य के सोलन जिले में एक सूचना प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना का प्रस्ताव है।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी की ट्यूशन फीस का 50 फीसदी हिस्सा लौटाने का निर्णय लिया है। सूचना प्रौद्योगिकी के लिए ली गयी ट्यूशन फीस का आधा हिस्सा उन्हें लौटा दिया जाएगा।

प्रो. धूमल के अनुसार आधुनिक तकनीक को आम आदमी के घर-द्वार पर धन व समय को बर्बाद किए बिना त्वरित सेवाएं प्रदान करने के लिए उपयोग में लाने की आवश्यकता है। किसी समाज की प्रगति के लिए वर्तमान परिपेक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय तकनीकी विकास को अपनाया जाना चाहिए। राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि लोगों को प्रभावी जी2सी सेवाएं प्रदान की जा सकें। प्रदेश में सुदृढ़ ई-गवर्नेंस नेटवर्क सृजित किया जा रहा है, जिसके लिए सभी सरकारी विभागों में अधोसंरचना सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं। इनके माध्यम से ई-गवर्नेंस आवेदन, सुरक्षित डाटा एकत्रीकरण एवं घर-द्वार पर ऑन लाईन सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। प्रदेश सरकार नौंवीं तथा दसवीं के सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति की संभावनाओं का पता लगाएगी, ताकि बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने के लिए डाटा उपलब्ध हो सके। परीक्षार्थियों द्वारा अपना परीक्षा फार्म इलैक्ट्रॉनिक तरीके से प्रस्तुत करने तथा उनके परीक्षा रोल नम्बर भी ई-मेल करने में सहायता प्रदान करने प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

राज्य के प्रमुख विभागों में ई-प्रापण एवं ई-निविदा को भी आरंभ किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश भर में प्रतियोगी एवं समान दरें, सरकारी प्रणाली में पारदर्शिता एवं समय एवं धन की बचत हुई है। ऑन लाइन कॉज़ लिस्ट, अंतरिम आदेश एवं फैसलों को डाउनलोड करने में राजस्व न्यायालय मामले अनुश्रवण प्रणाली लाभदायक हो रही है। इसी प्रकार नए मामलों के बारे में जानकारी, सूचनाएं, जवाब दायर करने एवं अंतरिम आदेश इत्यादि की निर्धारित तिथि के बारे में विभागों को मुकद्दमेबाजी अनुश्रवण प्रणाली भी सहायक सिद्ध हो रही है।

इसके अतिरिक्त 3 सितम्बर, 2011 को हिमाचल प्रदेश सचिवालय तथा निदेशालयों में आरंभ की गयी ई-डिस्पैच से पत्राचार में तेजी, लेखन सामग्री में कमी एवं प्रिंटर के उपयोग की लागत में कमी, डाक टिकटों की बचत, ऑन लाइन डाटा की उपलब्धता में सहायता मिली है। पंचायती राज विभाग में परिवार रजिस्टर, प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जन्म पंजीकरण, मृत्यु पंजीकरण एवं विवाह पंजीकरण के स्वतः सृजन में सहायक होगा। मुख्यमंत्री धूमल ने जानकारी दी कि हिमस्वॉं कार्यक्रम राज्य में सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से सभी क्षेत्रीय स्तर के कार्यालयों को राज्य मुख्यालय से जोड़ा जाएगा।

प्रो. धूमल के शासन मे प्रदेश में 3366 लोकमित्र केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि जी2सी सेवाएं उपलब्ध करवायी जा सकें। इनमें से, लगभग 2400 पहले ही आरंभ किए जा चुके हैं। इन केन्द्रों को बिजली, पानी एवं टेलीफोन के बिलों को लेने के लिए प्राधिकृत किया गया है। ये केन्द्र जमाबंदी, बस टिकट एवं ई-समाधान सेवाएं भी उपलब्ध करवा रहे हैं। बिजली के बिलों का एकत्रीकरण अक्तूबर, 2010 में 65 हजार रुपये से बढ़कर अगस्त, 2011 में 2.40 करोड़ रुपये हो गया है।

प्रदेश में एग्रीसनेट परियोजना भी आरंभ की गयी है, ताकि कृषि, बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्य विभागों की सेवाओं के लिए सरकार का लोगों के साथ संवाद स्थापित किया जा सके। विभिन्न न्यायालयों में लंबित मामलों के निपटारे के लिए कारागारों में वीडियों कांफै्रंसिंग के उपयोग की आवश्यकता है। प्रेम कुमार धूमल ने अधिकारियों को सरकार तथा लोगों के बीच संचार की दूरी को कम करने के लिए एसएमएस गेटवे सेवाओं का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित बनाने पर बल भी दिया।

 

1 COMMENT

  1. अन्नपूर्णा मित्तल को धन्यवाद
    आप ने कई लेख को बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकीं हैं .

    आलोक कुमार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here