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मन की गांठ - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
पिछले दिनों मैं रेलगाड़ी से हरिद्वार से दिल्ली आ रहा था। सर्दी के दिन थे। मेरे साथ बैठे यात्री के मफलर पर ‘नवभारत उद्योग, हरिद्वार’ का लेबल लगा था, जबकि मेरे मफलर पर ‘भारत उद्योग, हरिद्वार’ का। इस सुखद संयोग पर बात छिड़ी, तो उन्होंने ‘भारत’ और ‘नवभारत उद्योग’ की…