साक्षात्‍कार/जन-अपेक्षाओं पर खरा उतरना है : निशंक

भारत के स्विट्जरलैंड के रूप में अपनी पहचान रखने वाले उत्तराखंड को बने आगामी 9 नवंबर को 10 साल पूरे हो जाएंगे। 10 साल में पांच मुख्यमंत्री देखने वाले इस प्रदेश ने विगत एक सालों में कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की। लेकिन अचानक आई प्राकृतिक आपदा ने इसके प्रगति पथ को न केवल अवरूद्ध किया है बल्कि एक तरह से विकास के पहिए को जाम कर दिया है। लेकिन बावजूद इसके उत्तराखंड ने इस चुनौती का डटकर सामना किया है और मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के नेतृत्व में पूरा राज्य ही नव श्रृजन के अभियान में प्राणपण से जुट गया है। इन्हीं सब मुद्दों पर प्रदेश के मुखिया से धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने बातचीत की। प्रस्तुत हैं उस बातचीत के संपादित अंश।

प्रश्न-1- उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन 10 वर्षों को आप किस रूप में देखतें हैं?

उत्तर- उत्तराखंड राज्य का निर्माण लंबे संघर्ष और बलिदानों के बाद हुआ। देश की स्वतंत्रता के बाद भी यह क्षेत्र पिछडा रहा। राज्य आन्दोलन के समय विकास की आकांक्षा जनता के मन में थी। इन 10 सालों में प्रारंभिक चुनौतियों से उबरते हुए न केवल विकास की दिशा तय की गई है अपितु कई मील के पत्थर भी स्थापित हुए हैं। यद्यपि कुछ क्षेत्रों में अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है। लेकिन विकास का जो मार्ग अपनाया गया है वह जन अपेक्षाओं को पूरा करने में समर्थ होगा ऐसा मेरा विश्वास है।

प्रश्न-2- विकास को लेकर आपकी रणनीति क्या है?

उत्तर- अगर रणनीति को संक्षेप में कहना हो तो मेरा उत्तर है ”समयबद्ध,समग्र व संतुलित विकास” जिसका लाभ राज्य के आम आदमी तक पहुंचे और उसके चेहरे पर मुस्कान आए। इसके लिए हम तत्कालिक और दीर्घकालिक योजनाएं बनाकर काम कर रहे हैं। विजन-2020 इसी दृष्टि से तैयार किया जा रहा है।

प्रश्न-3- विजन-2020 के बारे में आप कुछ बताना चाहेंगे?

उत्तर- विजन-2020 के अन्तर्गत हमने पांच सूत्रों को अपनाते हुए कार्य प्रारंभ किया है। ये सूत्र निम्नवत है। 1-समृद्ध उत्तराखंड 2-शिक्षित उत्तराखंड 3- स्वस्थ उत्तराखंड 4-सुसंस्कृत उत्तराखंड 5- हरित उत्तराखंड।

इसके अन्तर्गत विभागवार योजनाओं और लक्ष्यों का निर्धारण कर उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में हम जुट गए हैं।

प्रश्न-4-उत्तराखंड ने राष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियां हांसिल की है इस संबंध में आप क्या कहना चाहेंगे?

उत्तर- इन उपलब्धियों का विस्तार तो बहुत बडा है लेकिन यदि प्रमुख उपलब्धियों की संक्षेप में चर्चा करें तो राज्य निर्माण के समय उत्तराखंउ की विकास दर 2.9 प्रतिशत थी जिसमें अब चार गुना वृद्धि हो चुकी है और अब यह दर बढकर 9.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है। राज्य गठन के समय प्रति व्यक्ति आय जो 15 हजार रूपए थी वह अब वर्तमान में बढ कर 42 हजार रूपए प्रति व्यक्ति हो गई है। योजना आकार में वृद्धि होने के साथ अब यह 6800 करोड रूपए हो चुका है। प्रदेश में कुशल वित्तीय प्रबंधन के लिए 13वें वित्त आयोग ने एक हजार करोड रूपए की वित्तीय सहायता प्रोत्साहन के रूप में स्वीकृत की है। गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम में राज्य ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसी प्रकार आईसीडीएस योजना में भी राज्य ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। इसके अलावा ग्रामीण विद्युतीकरण योजना,मांग के सापेक्ष बिजली की आपूर्ति और पंप सेटों के उर्जी करण के क्षेत्र में भी राज्य कीर्तिमान स्थापित करते हुए दूसरे स्थान पर है।

प्रश्न-5-इस वर्ष आई दैवीय आपदा का आप कैसे सामना कर रहे हैं?

उत्तर- इस वर्ष आई दैवीय आपदा से राज्य का जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। हमारी प्राथमिकता तत्काल राहत एवं बचाव कार्यो की हैं। राज्य सरकार जनसहयोग से आपदा की चुनौती का सामना पूरी तत्परता से कर रही है साथ ही आपदा से निपटने के लिए निरोधात्मक उपायों की योजना भी बनाई जा रही है।

प्रश्न-6-कुछ ऐसी विशिष्ठ उपलब्धियों का उल्लेख करना चाहेंगे जिससे आपको विशेष संतोष मिलता हो?

उत्तर-इस वर्ष संपन्न महाकुंभ हमारे लिए एक बडा अवसर और चुनौती थी जिसके सफल आयोजन से ना केवल 8 करोड से अधिक श्रद्धालु लाभान्वित हए अपितु उत्तराखंड व देश का नाम भी उंचा हुआ। स्वास्थ्य की दृष्टि से 108 आपातकालीन सेवा,15 हजार रूपए प्रतिवर्ष में एमबीबीएस की डिग्री जैसे कार्य और योजनाओं की सर्वत्र चर्चा है। इसी प्रकार भाषा के क्षेत्र में संस्कृत को प्रदेश की द्धितीय राजभाषा और गढवाली कुमाउनी को भाषा का दर्जा दिलाने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराने के कार्य ऐसे उल्लेखनीय कार्य है जिनकी बडे स्तर पर सकारात्मक कार्य के रूप में चर्चा होती जिससे मुझे हार्दिक संतोष मिलता है।

प्रश्न-7- राज्य स्थापना की 10वीं वर्षगांठ पर जनता के लिए आपका क्या संदेश है?

उत्तर-हमारी अभिलाषा है कि उत्तराखंड देश का सबसे आदर्श राज्य बने। इस सबके लिए हम सबकों मिलजुल कर कार्य करना है। राज्य स्थापना की 10वीं वर्षगांठ पर मैं समस्त देश वासियों को अपनी शुभकामनाएं देने के साथ ही यह अपील भी करता हूं कि इस राज्य को सुशिक्षित, संपन्न, समृद्ध व आदर्श राज्य बनाने के लिए सभी लोग अपनी अपनी भूमिकाएं सुनिश्चित करे और पूरी ईमानदारी से सहभागिता करें।

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धीरेन्‍द्र प्रताप सिंह
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद के बक्शा थाना क्षेत्रान्तर्गत भुतहां गांव का निवासी। जौनपुर के तिलकधारी महाविद्यालय से वर्ष 2005 में राजनीति शास्त्र से स्नात्कोत्तर तत्पश्चात जौनपुर में ही स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जनसंचार में भी स्नात्कोत्तर की उपाधियां प्राप्‍त की। पत्रकारिता से स्नात्कोत्तर करने के दौरान वाराणसी के लोकप्रिय दैनिक समाचार पत्र आज से जुड़े रहे। उसके बाद छह महीने तक लखनऊ में रहकर दैनिक स्वतंत्र भारत के लिए काम किया। उसके बाद देश की पहली हिन्दी समाचार एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार से जुड़े। उसमें लगभग दो वर्षों तक मैं चीफ रिपोर्टर रहे। उसके बाद तकरीबन ग्यारह महीने दिल्ली-एनसीआर के चैनल टोटल टीवी में रन डाउन प्रोडयूसर रहे। संप्रति हिन्दुस्थान समाचार में उत्तराखंड ब्यूरो प्रमुख के तौर पर कार्य। पत्रपत्रिकाओं और वेब मीडिया पर समसामयिक लेखन भी करते रहते हैं।

4 COMMENTS

  1. निशंक जी इमानदार नेता है इसलिए हम मन सकते है की वे जो कुछ भी कह रहे है उसपर इमानदारी से अमल भी करेंगे /

  2. निशंक जी ने प्रकितिक आपदा के समय जो साहस दिखाया है वोह बेमिशाल है. पुरे प्रदेश की जनता अब निशंक को अपना मसीहा मानाने लगी है. लिकिन इससे निशंक को खुश को खुश होने की जरुरत नहीं है क्योकि उनकी जिम्मेदारियां बड़ा जाती है /

    उमेश पन्त देहरादून

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