ईराक की तबाही का मंजर!

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-फख़रे आलम-
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ईराक की तबाही का मंजर दुनिया ने देखी। ईराक देश तबाह हुआ, जनता तबाह हुई और वहां पर काम करने वाले तबाह और बर्बाद हुए। आखिरकार अमेरिका ने ईराक को क्यों तबाह किया? अमेरिका ने ईराक को वर्तमान स्थिति में पहुंचाने के लिए 3 ट्रिलियन डॉलर खर्च किये। आखिर अमेरिका ने ऐसा क्यों किया? 1983 में इजराईल के द्वारा आरम्भ किये गये मुस्लिम देशों की अखण्डता को तबाह करने का यह एक अध्याय है। सीरिया में चीन और रुस के हस्तक्षेप के बाद सीरिया अन्य देशों की भांति तबाह होने से तो बच गया परन्तु देश के अन्दर अभी तक अशान्ति और गृहयुद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। इस्लामी गणराज्य इराक और सीरिया के नाम से गठित किया गया है। औरइसी प्रकार की योजना अन्य देशों के प्रान्तों और भागों को साथ लेकर एक नए नाम के साथ गणराज्यों का गठन करना है। इस संगठन के प्रमुख अबुबकर अल बगदादी है। उनके लड़ाकुओं को इराक के कइयों प्रान्त जिसमें तिकरित, करकोक जैसे प्रान्त को अपने कब्जे में ले लिया है। ईराक के प्रधानमंत्री नूर अलमालकी ओर उनकी सरकार इन विद्रोहियों के सामने कमजोर ही दिखाई दे रहे हैं। इनके पास सरकारी और विदेशी हथियारों की बड़ी खेप के साथ साथ अपची नामक आधुनिक हेलीकॉप्टर का खेप भी उपलब्ध है।

निःशक्ति ने इन विद्रोहियों को इतने आधुनिक लड़ाई का साज व सामान दिया है। वह आश्चर्य की बात है। अमेरिका ईराक में अपने दूतावास की सुरक्षा के लिए लगभग पांच हजार सैनिकों की सुरक्षा घेरा बना रखा है। एयर क्रॉफ्ट करियर यूएसएस जॉर्ज बुश, गाइड मिजाइल करूण जैसे जंगी सामान खारी में अमेरिका सरकार के द्वारा तैनात किया जा चुका है। आवश्यकता पड़ने पर इन अमेरिकन नागरिकों को एयरक्राफ्ट की सुरक्षा सुरक्षित रखी गई है। अमेरिका के द्वारा ईराक के इस विवाद में ईरान को संलग्न करने का पूरा प्रयास हुआ। अमेरिका ने ईरान से सैनिक सहयोग मांगा है जिस पर ईरान ने कुछ सैनिक भेजे हैं। आईएसआईएस नामक इस विद्रोही और आतंकी गुट का गठन अमेरिका, इजराइल और कुछ अरब देशों के द्वारा बनाया गया है ईराक को तीन देशों में विभक्त करने का अन्तरराष्ट्रीय योजना के अधीन यह सब कुछ हो रहा है। अमेरिका ने इराक के 40 अरब डॉलर हड़प लिये हैं।

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