इजराइल और भारत

indo-israelराकेश कुमार आर्य
 तुलसीदास जी ने कहा है-
धीरज, धर्म, मित्र अरू नारी।
आपतकाल परखिये चारी।।

वास्तव में ही अपने पराये की पहचान आपत्तिकाल में ही हुआ करती है। मित्र वही होता है जो आपत्ति में आपके साथ खड़ा हो। यह ठीक है किआज के विश्व में भारत की आवाज के साथ आवाज निकालने वाले अनेकों देश हैं, और यदि विश्व के लोगों की आवाज को कोई इस समय सुन सकता हो तो वह सहज ही अनुमान लगा सकता है कि विश्व के लोग पाकिस्तान को एक आतंकी देश घोषित कर चुके हैं। जबकि भारत इस समय सारे विश्व की दृष्टि में एक शांतिप्रिय लोकतांत्रिक देश के रूप में सम्मान प्राप्त कर रहा है। यही कारण है कि पाकिस्तान के पूर्व सैनिक तानाशाह रहे परवेज मुशर्रफ को यह बात स्वीकार करनी पड़ी है कि पाकिस्तान इस समय अंतर्राष्ट्रीय जगत में अलग-थलग पड़ चुका है।

भारत के साथ लगकर पाकिस्तान को अलग-थलग डालने में अपनी भूमिका निभाने वाले अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, अफगानिस्तान, ईरान, बांग्लादेश, नेपाल आदि की बात तो समझ में आती है कि वे भारत को अपना समर्थन किस कारण से दे रहे हैं और भारत इन देशों के प्रति कृतज्ञ भी है पर इसी समय एक और मित्र भी है जो इन सबसे बढक़र है और उसकी मित्रता भरी आवाज भारत के लिए इन सभी से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है और वह है विश्व में यहूदियों का एकमात्र देश-इजराइल। जिसका नाम सुनते ही लोग समझ जाते हैं कि एक स्वाभिमानी और संघर्षशील देश की बात हो रही है। एक ऐसा देश जिसने दुनिया के कई देशों को यह पाठ पढ़ाया है कि दुर्दिनों में घबराना नहीं चाहिए। संघर्ष करते रहो-अंधेरा कटेगा भी, छंटेगा भी और हटेगा भी। सवेरा अवश्य होगा-प्रतीक्षा करो। भारत ने भी इस देश से बहुत कुछ सीखा है, और इसकी जिजीविषा को सदा नमस्कार किया है-उसे अपना समर्थन दिया है।

आज यही इजराइल भारत के साथ कंधा से कंधा मिलाकर पाकिस्तान के विरूद्घ खड़ा है। वह कहता है कि भारत के द्वारा उसके दुर्दिनों में दिये गये नैतिक समर्थन का कर्जा चुकाने का समय आ गया है, जब हम लोग विश्व में किसी एक देश के भी समर्थन के लिए तरस रहे थे और दुनिया हमसे किनारा कर रही थी-उस समय भारत ही था जो हमारी न्यायसंगत आवाज को अपना समर्थन दे रहा था। इसलिए पाकिस्तान की ओर से यदि भारत के विरूद्घ कुछ भी किया जाता है तो इजराइल भारत के साथ युद्घ में भी होगा। वास्तव में ही इजराइल का साहस सराहनीय है, उसकी मित्रता की भावना सराहनीय है और अपने पराये को पहचानने की उसकी दृष्टि सराहनीय है।

अब स्थिति ये है कि यदि पाकिस्तान भारत पर जल-थल या नभ किसी भी प्रकार से कहीं से भी आक्रमण करता है तो भारतीय वायु सेना को इजराइल से मिले इजराइली अवाक्स अर्थात अर्ली वार्निंग सिस्टम पाक की उस नापाक हरकत की सूचना तुरंत भारत को देगा जिससे हमारे देश की कई मिसाइलें पाकिस्तान की उस मिसाइल पर अपना करारा हमला करके उसे नष्ट कर देंगी। पहले जब शत्रु हमारी सीमा पर आ जाता था तभी पता चलता था कि शत्रु किस उद्देश्य से आगे बढ़ रहा है? पर अवाक्स ने आज की युद्घ प्रणाली को पूर्णत: बदल कर रख दिया है। भारत इस समय दक्षिण एशिया का एक मात्र ऐसा देश है जिसके पास हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली वाला जहाज है, ये जंगी जहाज 400 वर्ग किलोमीटर में शत्रु की हर प्रकार की गतिविधि पर अपनी गिद्घ दृष्टि गड़ाये रखता है। साथ ही कंट्रोलरूम को उसकी पल-पल की सूचना देता रहता है। फाल्कन विमान भी इस समय भारतीय वायुसेना का गौरव बढ़ा रहा है। ये विमान भी इजराइल ने ही भारत को दिया है। इस विमान को इजराइल से प्राप्त करने की चीन ने भी बहुत कोशिश की थी, परंतु अमेरिका ने इजराइल से इस विमान को चीन को न देने की बात कह दी थी जिस पर इजराइल ने ध्यान दिया और यह महत्वपूर्ण विमान उस समय चीन के पास न जा सका।

फाल्कन एक जंगी जहाज है इस सिस्टम की सहायता से पाकिस्तानी सेना की सीमा पर या रावलपिण्डी या स्वात घाटी में क्या गतिविधि हैं-उसकी पूर्ण जानकारी भारत को रहती है, यही नहीं यह जमीन, हवा और पानी पर एक साथ निगरानी रखता है। यह जहाज शत्रु के राडार सिस्टम में भी गड़बड़ी पैदा कर सकता है और ऐसा करके उसे भारी कठिनाई में डाल सकता है। युद्घ के समय ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाने से शत्रु को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ जाता है। यह जहाज किसी मिसाइल के बारे में यह भी जानकारी कर लेता है कि यह मिसाइल शत्रु देश की है या फिर किसी मित्र देश की है। आज भारत अपने इस सिस्टम के कारण पाकिस्तान को सैकड़ों किलोमीटर तक ‘वाच’ करता रहता है। यही कारण है कि पाकिस्तान को भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के पश्चात भारत पर आक्रमण करने के लिए सोचना पड़ रहा है। उसे इजराइल का अवाक्स ‘अवाक’ कर रहा है, वह आगे बढऩा तो चाहता है पर उसे यह भी पता है कि उसकी हर गतिविधि पर ‘शंकर’ के तीसरे नेत्र की दृष्टि गड़ी है। भारत को अपने मित्र इजराइल पर गर्व है।

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राकेश कुमार आर्य
उगता भारत’ साप्ताहिक / दैनिक समाचारपत्र के संपादक; बी.ए. ,एलएल.बी. तक की शिक्षा, पेशे से अधिवक्ता। राकेश आर्य जी कई वर्षों से देश के विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। अब तक चालीस से अधिक पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं। वर्तमान में ' 'राष्ट्रीय प्रेस महासंघ ' के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं । उत्कृष्ट लेखन के लिए राजस्थान के राज्यपाल श्री कल्याण सिंह जी सहित कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं । सामाजिक रूप से सक्रिय राकेश जी अखिल भारत हिन्दू महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अखिल भारतीय मानवाधिकार निगरानी समिति के राष्ट्रीय सलाहकार भी हैं। ग्रेटर नोएडा , जनपद गौतमबुध नगर दादरी, उ.प्र. के निवासी हैं।

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