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लघुकथा : जल्दी करो - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
सुधीर मौर्य जल्दबाजी में इकरा बचते-बचाते गैर मजहब इलाके में आ गयी। धार्मिक नारे लगते लोग उसकी तरफ बढे, इकरा सूखे पत्ते की तरह कांपने लगी। किसी तरह आरती उसे उन्मादियों से बचा कर अपने घर लायी और कुछ दिन अपने मजहब की तरह कपड़े पहनने को कहा। दूसरे मजहब…