नई दिल्ली: प्रख्यात पत्रकार बीजी वर्गीज ने मोहम्मद अली जिन्ना द्वारा पाकिस्तान की संविधान सभा के समक्ष 11 अगस्त, 1947 को दिए गए भाषण को अमान्य कर दिया है। जसवंत सिंह की जिन्ना की जीवनी पर आधारित पुस्तक के लोकार्पण समारोह के पश्चात हिंदुस्थान समाचार से एक विशष बातचीत में उन्होंने कहा कि विभाजन के अपराध से जिन्ना को बरी कर देना इतिहास के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा जिन्ना के जिस भाण को लेकर जिन्ना को सेकुलर ठहराने का प्रयास देश में हो रहा है वह भाषण जिन्ना ने अपने जीवित रहते ही अमान्य कर दिया था। वर्गीज ने कहा कि उस भाषण के 6 महीने बाद ही जिन्ना ने सार्वजनिक रूप से अपने भाण को वापस लेने की घोषणा कर दी थी जिसे अब कोई संज्ञान में नहीं ले रहा है।
उन्होंने कहा कि परिस्थिति उस समय ऐसी बन चुकी थी कि विभाजन के अतिरिक्त कोई चारा नहीं रह गया था। जहां तक जिन्ना का सवाल है तो वह अपने हावभाव-व्यवहार से कहीं से भी मुसलमान नहीं लगता था। अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए उसने भारत विभाजन के कार्य में ब्रिटिश हुक्मरानों के इशारे पर काम किया।