नौकरी मांगने वाले अब देंगे नौकरियां

सुवर्णा सुषमेश्वरी

startup india

भारत प्राचीन काल से ही सम्पूर्ण विश्व में अपने कार्यों, तेज दिमाग और उच्च कौशल क्षमता के कारण प्रसिद्ध रहा है। वर्तमान भारत के युवा भी बहुत प्रतिभावान, उच्च कौशल वाले और नवीन विचारों से परिपूर्ण हैं। लेकिन भारत विभाजनोपरांत देश में नवाचार को बढ़ावा नहीं दिए जाने , नए प्रतिभाओं को दुनिया के सामने आने के संसाधन नहीं होने के कारण कई प्रतिभाएं दुनिया के सामने ही नहीं आ पाती । परन्तु अब मोदी सरकार के द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने , अभिनव विचारों का उपयोग सही दिशा में करने के लिये सहायता उपलब्ध कराने और प्रतिभावान उद्यमियों को समुचित सुविधा उपलब्ध कराये जाने की पहल किये जाने से भारतीय जनता में एक नई आस बंधी है। और जनता के मध्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा स्टार्ट अप इंडिया के साथ प्रारंभ की गई स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम और कार्यक्रम से सम्बंधित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच का देश भर में व्यापक स्वागत किया जा रहा है । देश भर की जनता की उत्सुक भरी निगाहें स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम को उद्घाटन  करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गत 5 अप्रैल को नोएडा में अपने उद्घाटन भाषण में कहे गए उस महत्वपूर्ण विन्दु पर अटकी हुई है, जिसमें उन्होंने कहा कि स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम के बदौलत नौकरी मांगने वाले अब नौकरी देने वाले बन सकेंगे। अनुसूचित जाति – अनुसूचित जनजाति अर्थात एससी-एसटी वर्ग के लोगों व महिलाओं में स्व-उद्यम को बढ़ावा देने के लिए इसे सरकार की बेहद महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है। सरकारी घोषणा के अनुसार वंचितों , दलित और महिलाओं को व्यापार के लिए कर्ज उपलब्ध कराकर उनकी प्रतिभा को  आगे लाना स्टैंड अप इंडिया का लक्ष्य है। योजना का मकसद अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं को 10 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए के बीच कर्ज देकर इन वर्गों के लोगों की उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के 2.5 लाख उद्यमी तैयार किए जाएंगे और देश के 1.25 लाख बैंक शाखाओं की ओर से एक दलित और एक महिला उद्यमी को प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे रोजगारों का सृजन होगा और लोग जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बन जाएंगे।

 

उल्लेखनीय है कि स्व० जगजीवन राम की जयंती पर स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम को सरकार के प्रधानमंत्री ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली , उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाइक और देश के कई दलित सांसदों की उपस्थिति में लाँच किया है । जिसका उम्मीद के अनुसार राजनीतिक स्तर पर विरोध भी किया जा रहा है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के साथ ई-रिक्शा पर सवार होकर कार्यक्रम में पहुंचे प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना के जरिए लोन नहीं मिल पाने की वजह से अपना काम शुरू करने से महरूम लोगों को अब किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं होगी। पांच अप्रैल को को बाबू जगजीवन राम का जन्मदिवस है। सरकार ने जगजीवन राम की जयंती पर स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम को लांच किया है। उनके जन्मदिवस को समता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। जगजीवन राम ने दलितों के उत्थान में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने सामाजिक स्थिति को कभी आड़े नहीं आने दिया । इसलिए भारत सरकार ने दलितों को मजबूत बनाने के इरादे से लाए गए इस कार्यक्रम को लाँच करने के लिए ऐसे महापुरुष के जन्म दिन को चुना। राजनीतिक विचाराधाराएं कुछ भी हों, दल कोई भी हो, लेकिन देश के लिए जीने मरने वाले हम सब के लिए प्रेरक होते हैं । प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा कि हम लोग वे हैं, जिन्हें अवसर मिले, लेकिन दलितों को उतने अवसर नहीं मिले। अगर उन्हें अवसर मिलेगा तो वे भी उत्तम काम कर सकते हैं। अवसर मिले तो दलित भाई-बहन काफी कुछ कर सकते हैं। इसलिए समाज का जो आखिरी वर्ग है, उसे मौके देने के लिए लिए स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम बनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुने गए लोगों को स्टैंड अप इंडिया लोन का स्वीकृति पत्र दिया और इससे जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए स्टैंड अप इंडिया पोर्टल का विमोचन भी किया।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रकार की योजना के आरम्भ करने की बात 15 अगस्त 2015 को अपने भाषण में लाल किले से की थी । यह मुख्यतः एक ऐसी योजना हैं जिसके तहत नये छोटे बड़े उद्योगों को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जायेगा, जिसमे लोन सुविधा, उचित मार्गदर्शन एवं अनुकूल वातावरण आदि को शामिल किया गया है। इसके तहत जरुरी स्किल डेवलेप्मेंट ट्रेनिंग भी दी जायेगी। योजना का मुख्य उद्देश्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देना हैं जिससे देश में रोजगार के अवसर बढ़े। योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए इस योजना को डिपार्टमेंट ऑफ़ इण्डस्ट्रियल पालिसी एंड प्रोमोशन (डी आई पी पी) को सौंपा गया। डी आई पी पी ने इस योजना के पहले चरण को लागू करने के लिए इसका विस्तार से अध्ययन किया, कई स्टाक होल्डर से बात करने के बाद  एक नितिगत ढांचा तैयार किया गया हैं। जिसके तहत जैव प्रौद्योगिकी, विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी , सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे जो एक स्पेशल पेनल के रूप में डी आई पी पी का साथ देंगे। जो यह सुनिश्चित करेगी कि किया जाने वाला कार्य करने योग्य एवं उम्मीदवार की क्षमता के तुल्य हैं या नहीं? साथ ही यह भी देखेगी कि आसानी से एवंकम समय में वित्तीय सहायता उपलब्ध की जा रही हैं या नहीं? सरकार की योजनानुसार देश के युवाओं को देश के उच्च शिक्षण संस्थाओं जैसे आई आई टी, आई आई आई एम आदि के नेटवर्क के साथ जोड़ा जायेगा ताकि उन्हें उचित मार्गदर्शन मिले। इससे देश के युवाओं को इन सभी बड़ी यूनिवर्सिटी और अन्य उद्योगिक एरिया के नेटवर्क में आने से बेहतर ज्ञान एवं अनुभव मिलेगा जिससे उन्हें संरक्षण प्राप्त होगा। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री की स्वरूचि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गत दिनों प्रसारित अपने रेडिओ टॉक शो मन की बात में भी मोदीजी ने स्टार्ट अप इंडिया स्टैंड अप इंडिया के बारे में बताया और युवाओं को इससे जुड़ने का आग्रह किया हैं।

उल्लेखनीय है कि योजना के अंतर्गत उचित समय में  देश के युवाओं के लिये नवीनतम एवम रचनात्मक कार्यों के लिए उन्हें उचित ढांचा तैयार करके दिया जायेगा, जिसके तहत उन्हें आर्थिक रूप से मदद दी जायेगी और टैक्स में भी छूट दी जाएगी। और नवीनतम रचनात्मक कार्यों को सरकार द्वारा पोषित किया जायेगा। सरकार का मुख्य उद्देश्य हैं कि इस स्टार्ट अप का सबसे अधिक लाभ छोटे शहरों एवम गाँव में रहने वाली जनता को हो। दूसरी ओर योजना के संचालन में आने वाली संभावित समस्याओं के बारे में भी चर्चा अभी से ही शुरू हो गई है। इसका मुख्य कारण है कि अब तक इसके लिए कोई उचित नियम एवं इससे बाहर निकलने का प्रावधान नहीं बनाया गया हैं। किसी भी वितीय योजना में दिया जाने वाला फंडिंग उस कार्य के जोखिम एवम उसे निभाने वाली योग्यता के मापदंड पर निर्भर करता हैं। परन्तु स्टार्ट अप के साथ ही स्टैंड अप इंडिया के लिए सबसे बड़ी समस्या धन की हैं जो बिना किसी बड़ी गारंटी के दिया जा सके। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इस दिशा में कार्य करने में सबसे बड़ी बाधा मौजूदा नियमावली हैं जिसे बदलने की जरुरत हैं ताकि बैंक और अन्य पेनल आसानी से लोन अप्रूव कर सके। ध्यातव्य हो कि कई स्टार्ट अप मार्केट कंडीशन, एंट्री टाइमिंग आदि के कारण असफल हो जाते हैं। इस कारण असफलता के उदहारण ज्यादा दिखाई पड़ते हैं जबकि यह एक सत्य बात है कि कोई भी बड़ा उद्योगपति असफलता के बाद ही सफलता की तरफ बढ़ता हैं। इसलिये जरुरी हैं कि स्टार्ट अप में मिलने वाली असफलता से निराश न होकर युवा में आगे बढ़ते रहने का हौसला बनाये रखे जिसके लिये सरकार को उनका हौसला आफजाही के लिये उचित मार्गदर्शन देने की जरुरत हैं। स्टार्ट अप के लिये सबसे ज्यादा प्रतिभा छोटे शहरों एवम गाँव में मिलती हैं लेकिन फ़िलहाल उन्हें इन सबसे सफलतापूर्वक जोड़ना एक बहुत बड़ी समस्या हैं। एक बार स्टार्ट अप सुचारुपूर्वक आरम्भ हो जाता हैं उसके बाद इससे छोटे शहरों एवं गाँव के लोगो को जोड़ा जाना चाहिये जो कि बहुत बड़ी समस्या है। क्यूंकि यहाँ के कई लोग आज तक सही तरह से कंप्यूटर चलाना नहीं जानते अर्थात अर्थात टेकनिकली बहुत कमजोर हैं। सरकारी निवेशकों की कमी भी एक बहुत बड़ी बाधा हैं। स्टार्ट अप के लिये किये जाने वाले पेपर वर्क में लोगो को अनुभव की काफी कमी होगी उसके लिए भी उन्हें उचित संरक्षण देने की जरुरत हैं। इस अभियान में सबसे बड़ी बाधा अनुभव की हैं जिसके लिए जरुरी हैं कि इस कार्य के साथ बड़े रूप में युवा वर्ग जुड़े जो तकनिकी ज्ञान की पर्याप्त समझ रखता हो। योजना को सफल बनाने के लिये जरुरी हैं कि सरकार कुछ ट्रेंनिंग प्रोग्राम शुरू करे और लोगो को सही दिशा में प्रशिक्षित करें। कुल मिलाकर यह एक बहुत अच्छी सरकारी कोशिश है, जिसके माध्यम से देश में रोजगार के अवसर बढेंगे और देश तेजी से आगे की ओर अग्रसर होगा। इस कार्य की सफलता के लिए इसका गाँव और छोटे शहरों से जुड़ना बेहद जरुरी हैं क्यूंकि देश की अधिक्तर जनसँख्या वही हैं और इन्ही स्थानों पर रोजगार की सबसे ज्यादा कमी हैं।

 

इसमें कोई शक नहीं कि मोदी सरकार द्वारा शुरु की गई यह योजना देश के युवाओं , युवा उद्यमियों को उद्यमशीलता में शामिल करके बेहतर भविष्य के लिये प्रोत्साहित करेगी। घोषित लक्ष्य के अनुसार, लगभग 125 लाख बैंकों की शाखाएँ युवाओं (कम से कम एक दलित या आदिवासी और एक महिला उद्यमी) को ऋण प्रदान करके प्रोत्साहित करेंगी तो अवश्य ही यह अभियान भारत में लोगों के लिये नये रोजगारों का निर्माण करेगा। और भारतीय युवाओं के लिये नौकरी के अधिक अवसर प्रदान करेगा। देश में नव-परिवर्तन और युवाओं के लिये नये अवसरों के बिना किसी भी प्रकार का विकास संभव नहीं है। अगर वितीय सुविधा उपलब्ध करने वाली संस्थान  योजना अंतर्गत लोगों को अपना सफल उद्योग खोलने के लिये प्रत्यक्ष रुप से सहायता करेंगी , तो निश्चित ही देश में सकारात्मक बदलाव लाने वाली यह योजना सिद्ध होगी और दुनिया भर में अपने देश के युवाओं की प्रतिभा को कारोबार के माध्यम से दिखाने में आगे लाने में मदद करेगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, भारतीय प्रबंधन संस्थान आदि के सहित सभी संस्थानों में इस कार्यक्रम के बारें में जागरुकता फैलाने की जरुरत है, ताकि वो भविष्य में इस योजना के माध्यम से सीधे जुड़ सके।

1 COMMENT

  1. सूचनात्मक लेख के लिए सुवर्णा सुषमेश्वरी जी को मेरा साधुवाद|

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