जूनियर‌ गधा

child1देखो मम्मी देखो पापा,

बस्ता हमसे उठ न पाता|

हम बच्चों का दर्द आप सब,

लोगों को क्यों समझ न आता|

 

आठ सेर का वज़न हमारा,

बस बस्ता तो दस का है माँ|

इसको कंधे पर ले जाना,

नहीं हमारे बस का है माँ|

 

हम बच्चों पर कहर इस तरह,

क्यों दुनियाँ वाले ढाते हैं|

कष्ट हमें है कितना भारी,

क्यों न लोग समझ पाते हैं|

 

अभी खेलने खाने के दिन,

किंतु गधे सा हमको लादा|

सड़क किनारे खड़ा गधा भी,

हमें जुनियर गधा बुलाता|

 

हम छोटे छोटे बच्चे हैं,

हमको हंसने मुस्कराने दो|

बिना किताबों के ही हमको,

कुछ दिन तो शाला जाने दो|

 

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here