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बस, शांति पुरुष घोषित करवा दो यार !! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अशोक गौतम कल बाजार में वे मिले। एक कांधे पर उन्होंने कबूतर बिठाया हुआ था तो दूसरे कांधे पर तोता। माथे पर बड़ा सा तिलक! हाथ में माला, तो शरीर जहां जहां भगवे से बाहर था वहां पर भूभत ही भभूत! अचानक वे मेरे सामने अल्लाह हो! अल्लाह हो! करते…