कभी मै दूर तो कभी तू दूर मुझसे
दिल की बात बयाँ करूँ भी तो कैसे
मांगते दुआएं अब तो दिल ये थका
न पाया कभी जो भी तुझ से कहा
मकसदे ज़िन्दगी की नेमत नहीं दी
हौसले आजमाने की जहमत नहीं की
कहते हैं पल पल पे हैं तेरी हुकुमरानी
जैसी तू चाहे जिसे दे दे जिन्दगानी
बिना कसूर फिर सजा सुना दी कैसे
पास होता तो पूछता इक बार ये तुझसे
जावेद उस्मानी