गत 27 सितम्बर को कंधमाल जिले के जी.उदयगिरि के पास नंदगिरि स्थित पुनर्वास केन्द्र में बम बनाते समय विस्फोट होने के कारण एक व्यक्ति की मौत हाने की घटना सुलझने के बजाए उलझती जा रही है। पुलिस ने इस मामले में माओवादियों के हाथ होने की आशंका जता रही है जबकि बजरंग दल का कहना है कि इस मामले में कट्टरपंथी ईसाइयों का हाथ है और पुलिस द्वारा जांच की दिशा को बदलने का प्रयास किया जा रहा है।
इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी तथा दो अन्य घायल हो गये थे। केन्द्र से 4 बंदुकें भी बरामद की गई हैं। राज्य सरकार के आर्थिक सहायता से चल रहे इस केन्द्र में सुरक्षा बलों की उपस्थिति में बम बनाने का सामान पुनर्वास केन्द्र तक कैसे लाया गया, बंदुकें कैसे लायी गई तथा बम कैसे बनाया जा रहा था इसको लेकर स्थिति अस्पष्ट है। पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से कतरा रही है। कंधमाल जिले के पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने कहा कि मामले की जांच चल रही है।
बजरंग दल के राष्ट्रीय सह संयोजक सुभाष चौहान ने कहा है कंधमाल जिले में ईसाइयों के लिए चल रहे पुनर्वास केन्द्र में बम बनाने तथा बंदुकें बरामद होने की घटना की जांच एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से करायी जाए ताकि इस मामले में सच्चाई शीघ्र लोगों के सामने आये। इसके अलावा स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या और उसके बाद भडकी हिंसा के मामले की जांच कर रहे महापात्र आयोग के जांच की परिधि में इस घटना को भी लाया जाना चाहिए।
श्री चौहान ने कहा कि इस घटना के पीछे चर्च का हाथ है और अब यह स्पष्ट हो गया है कि चर्च राज्य में आतंक फैलाना चाहता है। इससे पहले भी उत्तर पूर्व के राज्यों में हिंसा को बढावा देने में चर्च की भूमिका सर्वविदित है।
उन्होंने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी चर्च अपने इस काले कारनामे को माओवादियों के हाथ होने की बात कह कर बच निकलने की कोशिश कर रहा है। श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार के आर्थिक सहायता व प्रोत्साहन से चल रहे इस केन्द्र में बम कैसे बनाया जा रहा था, बम के लिए सामग्री कैसे लायी गई तथा वहां से प्राप्त बंदुकें केन्द्र तक कैसे आयी इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सबस आश्चर्यजनक बात है कि यह सारे आतंकवादी गतिविधियां केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल व राज्य पुलिस बल के उपस्थिति में हो रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले में राज्य सरकार का प्रछन्न हाथ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस मामले में लीपापोती कर रही है और वोटों के खातिर तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और जांच को गलत दिशा में लेने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या के बाद सभी लोगों का कहना था कि हत्या के पीछे चर्च जिम्मेदार है। इस घटना के बाद यह बात स्पष्ट हो जाती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के छत्रछाया में आतंक फैलाने के लिए बम बनाये जा रहे हैं। इतने सुरक्षकर्मियों के उपस्थिति के बावजूद भी वहां बम बनाया जाना और बंदूकें बरामद होना इस बात को स्पष्ट रूप से प्रमाणित करता है।
श्री चौहान ने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो राज्य की जनता अपने सुरक्षा के लिए अनुरोध किससे करेगी। उन्होंने कहा कि वोटों की राजनीति के कारण राज्य सरकार तुष्टिकरण की नीति अपना रही है और अब तक इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। राज्य सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठ कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
-समन्वय नंद