दुनिया भर में फैली आर्थिक मंदी का असर धीरे-धीरे भारत के कुटिर उद्योगों पर पड़ता दिख रहा है। कश्मीर के कालीन उद्योग पर दिख रहा मंदी का असर इसका प्रमाण है। दुनिया में छाई मंदी के बाद से यहां कालीन की बिक्री प्रभावित हुई है। जिससे इस उद्योग से जुड़े डेढ़ लाख से भी अधिक बुनकरों का भविष्य खतरे में है।
कालीन के व्यापार से जुड़े एक व्यापारी ने बताया कि गत वर्ष कालीन की कुल बिक्री पांच से छह अरब रुपये के बीच हुई थी। लेकिन, इस वर्ष डर है कि यह आकंड़ा दो अरब रुपये तक भी पहुंच पाएगा या नहीं। एक आंकड़े के मुताबिक घाटी में 30 हजार से भी अधिक कालीन बुनाई लुम्स हैं, जिसमें 150,000 से अधिक बुनकर जुड़े हैं।
इस उद्योग से जुड़े व्यापारियों के मुताबिक देश के विभिन्न शहरों में कश्मीरी कालीन के 300 से 400 शोरुम हैं, लेकिन आर्थिक मंदी का बिक्री पर बुरा असर पड़ा है। कालीन उद्योग से जुड़े व्यापारी सरकार से सहायता करने की मांग कर रहे हैं।