बुरा न मानें होली है —
एक ठे स्पेसल फगुआ
केकरा संग खेलहूं फाग
इटली दूर बसत है
इटली दूर बसत है
केकरा संग खेलहूं फाग
कि नैहर दूर बसत है।
परणव से मोहे लाज लगत है
मोदिया के मन बेईमान
नैहर दूर बसत है
केकरा संग खेलहूं फाग
नैहर दूर बसत है।
दिग्गी मगन अमरिता के संगवा
सिंघवी हउवे बउराह
नैहर दूर बसत है
केकरा संग खेलहूं फाग
नैहर दूर बसत है।
हा हा हा हा हा हा जबरदस्त
बहुत सुन्दर विपिन किशोर जी।
अरे भैय्या इस बार अचरज हुई गया – खूबही जम के होली खेली