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थोड़े-थोड़े सब दुखी... - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
विजय कुमार पिछले दिनों बहुत वर्षों बाद एक मित्र से मिलना हुआ। मैं उनके मोटापे पर आश्चर्यचकित हुआ, तो वे मेरे हल्केपन पर। उन्हें लगा कि मैं किसी बात से दुखी हूं। मैंने उन्हें बताया कि इसका कारण कोई रोग या शोक नहीं है। मैं तो अपने प्यारे भारत के…