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पुराने दिनों के गायब होते लोगों के किस्से - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
संजय पराते हिन्दी-साहित्य पाठकों के लिए राजेश जोशी जाना-पहचाना नाम है। वे एक साथ ही कवि-कहानीकार-आलोचक-अनुवादक-संपादक सब कुछ हैं। हाल ही में उनकी रचना ‘कि़स्सा कोताह’ (राजकमल प्रकाशन) सामने आयी है। राजेश जोशी के ही अनुसार, न यह आत्मकथा है और न उपन्यास। यह एक गप्पी का रोज़नामचा भर है-…