बेल्जियन विद्वान डॉ. कोएनराड एल्स्ट (1959 – ) के सम्मान में उनके भारतीय पाठकों, प्रशंसकों ने 13 जनवरी 2014 की संध्या इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली में एक छोटा सा स्नेह-आयोजन रखा है। आप जानते ही हैं, डॉ. एल्स्ट को दिवंगत मनीषी-द्वय रामस्वरूप और सीताराम गोयल की बौद्धिक-योद्धा परंपरा का प्रखर दीपक माना जाता है। उन की पुस्तकों से देश-विदेश में हजारों धर्म-निष्ठ, सत्य-निष्ठ छात्र, लेखक तथा भारत-प्रेमी सामाजिक कार्यकर्ता भी प्रकाश पाते हैं।
यद्यपि, अपने सत्यार्थी स्वभाव तथा भारत-प्रेम के कारण एल्स्ट को अकादमिक जगत में संगठित विरोध का विकट सामना करना पड़ा। इस से उन के जीवन की स्थितियाँ कठिनतर बनीं। जैसे अन्वेषी को दर्शन, भाषा व समाज-विज्ञान संकाय में आमंत्रित कर विश्व का कोई भी विश्वविद्यालय गौरवान्वित होता, उसे आज भी साधनहीन साधना करनी पड़ रही है! फलतः दो दशक पहले के स्वस्थ, ऊर्जावान एल्स्ट आज शारीरिक स्वास्थ्य से अत्यंत दुर्बल हैं। सौभाग्यवश उन की मानसिक ऊर्जा अभी भी यथावत् सक्रिय है।
यह एल्स्ट की विद्वता, तर्कणा व सत्यनिष्ठा का संकेत है कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों, बहसों में उन की उपस्थिति में वैसे बड़े-बड़े पदधारी आने से कतराते हैं, जिन्होंने भारत-विरोध, विशेषकर हिन्दू-विरोध को अपनी वैचारिक टेक बना रखा है। अतएव ऐसे अप्रतिम बौद्धिक योद्धा का सम्मान कर वस्तुतः हम अपना ही सम्मान करेंगे; जिन्हें विदेश क्या, देश में भी सामाजिक समस्याओं पर सच कहते संकट झेलना पड़ता है।
डॉ. एल्स्ट का सम्मान रामस्वरूप और सीताराम गोयल जैसे गुरु-योद्धाओं का भी पुनर्स्मरण करने का अवसर होगा। उस कार्य की महत्ता को रेखांकित करने का भी, जिसे डॉ. एल्स्ट ने उसी गुणवत्ता व निष्ठा से जारी रखा है। इस के लिए उन्हें अकादमिक जगत में जिन कष्टों, लांछनों और भेद-भाव का सामना करना पड़ रहा है, उसे देखते हुए यह हमारा अतिरिक्त कर्तव्य है कि उन्हें अपनी कृतज्ञता अर्पित करें।
यह आयोजन ‘Voice of India/भारत-भारती’ के प्रयत्न से हो रहा है जिसे रामस्वरूप और सीताराम गोयल ने स्थापित किया था। इसे आप जैसे सभी विचारशील जनों का आशीर्वाद व सहयोग अपेक्षित है। अतः विनम्र अनुरोध है कि इस अवसर पर उपस्थित होकर एक देशभक्ति-पूर्ण कार्य में सम्मिलित हों। प्रसिद्ध विद्वान डॉ. लोकेशचंद्र तथा डॉ. अरुण शौरी ने भी इस में शामिल होने की सहर्ष सहमति दी है।
पुनःश्च – हम ने डॉ. कोएनराड एल्स्ट के लिए एक कोष भी इकट्ठा करने का निश्चय किया है। जो मित्र-बंधु, शुभाकांक्षी इस में सहयोग देना चाहें, वे अपना चेक/ड्राफ्ट “गोपी कृष्ण मालीवाल” के नाम से इस पते पर भेज सकते हैं – द्वाराः श्री हरीशचंद्र, वॉयस ऑफ इंडिया, 2/ 18, अंसारी रोड, नई दिल्ली 110 002.
निवेदकः
डॉ. कोएनराड एल्स्ट के पाठक, शुभचिंतक