pravakta.com
कुक्कुरमुत्तों की कविता - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डॉ. मधुसूदन सूचना: यह व्यंग्यात्मक रचनाहै। मनोरंजन के लिए।इसी अर्थ में उसका स्वीकार करें। १ टेढी पूँछ,एक कुक्कुरवो, ऊंची पिछली टाँग कियो; मसरुमवा सिंचित हुआ सारा, सो कुक्कुरमुत्ता कहलाया। २ दीक्सित हुयी सारी सैना, सीतल सिंचित धारासै। कुक्कुरमुत्ते बहर आयै हैं, टोपी झाडू सज धज कै। ३ अक्रमण्यता अदिकार, इनको…