लाडो के नये खलनायक अमन वर्मा

अभिनेता अमन वर्मा ने अपना अभिनय सफ़र छोटे परदे से ही आरम्भ किया था. देखने में आकर्षक अमन ने जब भी किसी धारावाहिक मे अभिनय किया है दर्शको ने हमेशा ही उसे सराहा है, चाहे वो ”क्योंकि सास भी कभी बहू थी” हो ”कुमकुम” हो या ”विरासत”.

अब अमन को दर्शक एक बार फिर देखेगें कलर्स पर प्रसारित लोकप्रिय धारावाहिक ”लाडो-न आना इस देस” में. इस धारावाहिक की टी आर पी को बेहतर सहारा देने के लिए अमन आ रहे हैं बहुत ही खतारनाक टाइप के खलनायक बन कर, जो कि अम्मा जी की सत्ता को पूरी तरह से हिला कर रख देंगे. आने वाले एपिसोड में अमन दिखायेगे अपने नये रंग.

वैसे आपको बता दे कि अमन पहली ही बार किसी धारावाहिक में विलेन का किरादार अभिनीत नही कर रहे हैं इससे पहले भी वो ”विरासत” में विलेन बन चुके हैं इसमें अभिनय के लिए उन्हें प्रशंसा भी बहुत मिली थी.

उन्होंने अब तक ”पचपन खम्भे लाल दीवारे, शांति, औरत, दुश्मन, खुल जा सिम सिम, पास हो तुम दूर भी, कहता है दिल, कुमकुम, जस्सी जैसी कोई नहीं ,तीन बहूरानियां, सुजाता, बेताब दिल की तमन्ना है, देवी, आदि धारावाहिकों के अलावा ”इस जंगल से मुझे बचाओ” जैसा रियल्टी शो किया और ”इंडियन आइडल” जैसे संगीत के कार्यक्रम को भी बहुत ही ख़ूबसूरती से पेश किया. तो तैयार हो जाइए उनके चाहने वाले उनके नये रूप को देखने के लिए कि क्या वो अम्मा जी का तख्ता पलट करते हैं या

1 COMMENT

  1. जब कोई धारावहिक अपने लक्ष्य से भटक जाए तो इसी तरह के सहारों की जरूरत पड़ती है। कन्या-भ्रूण हत्या और स्त्री-शोषण जैसे बेहतरीन सामाजिक सरोकारों के साथ शुरु हुआ ’लाडो’ सीरियल अब उद्देश्य नहीं टीआरपी को प्राथमिकता दे रहा है। मुझे नहीं लगता अमन वर्मा अथवा कोई और ’बड़ा’ स्टार इसकी गिरती लोकप्रियता को संभाल पाएगा। हमारे यहाँ के निर्माताओं की असलियत ये है कि अगर कोई एक सीरियल अथवा फ़िल्म हिट हो जाए तो तब तक उसी को भुनाते रहना चाहते हैं, जब तक दर्शक उससे पूरी तरह ऊब न जाएँ। किसी नए विचार को लेकर वे कुछ नया नहीं पेश करते। यह व्यावसायिक दृष्टि उचित नहीं…

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