लाफ्टर चैलेन्ज कार्यक्रम से कॉमेडी और कॉमेडियन को नयी उर्जा मिली:-एहसान कुरैशी

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रहीम खान

देश में जब से टेलीविजन के चेनलों की भरमार हुई है, तब से पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले कलाकारों को भी अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए नये मंच उपलब्ध हुए हैं, क्योंकि चैनलों पर दिखाये जाने वाले गीत संगीत से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों ने कई प्रतिभाशाली कलाकारों को आज शिपर से शिखर की ओर जाने का मार्ग प्रशस्त किया है। इसी क्रम में कुछ वर्ष पूर्व स्टार-वन चैनल के मशहूर प्रोग्राम ग्रेट लाफ्टर चैलेंज वन कार्यक्रम ने केवल कॉमेडी से जुड़े कलाकारों को ही प्रोत्साहित नही किया, बल्कि कॉमेडी जैसी कला को नयी उर्जा भी प्रदान की है। इसी प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले कलाकार एहसान कुरैशी भी हैं। एक हास्य कवि, एक शायर के रूप में विगत कई वर्षों से मंच से जुड़े कुरैशी से पिछले दिनों रहीम खान के साथ कैरियर को लेकर लम्बी बातचीत हुई, जिसके मुख्य अंश प्रस्तुत हैं …….

प्रश्न- आप अपने बारे में बताये ?

कुरैशी – मै मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के अंतर्गत आने वाले बरघाट तकसील का रहने वाला हूं। मेरी तालीम एम.ए. अर्द्धशास्त्र एवं उर्दू है। मै बचपन से ही रंगमंच से जुड़ा हूं। जब मे हायर सेकेण्डरी स्कूल का छात्र था तब मुझे स्कूल में आलराउण्डर एक्टर का खिताब मिला था, जिसने रंगमंच के क्षेत्र में मेरी रूचि बढ़ायी। मुझे हास्य कविताओं के साथ शायरी का भी शौक रहा। इसमें मेरे उस्ताद अब्दुल रब सदा हैं। मैनें अनेक अखिल भारतीय स्तर के कवि सम्मेलन एवं मुशायरों में शिरकत फरमाकर अपने फन का प्रदर्शन किया।

प्रश्न – ग्रेट लाफ्टर /बिग बॉस में आपका अनुभव कैसा रहा?

कुरैशी – निश्चित रूप से इस कार्यक्रम के माध्यम से मुझे राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिली। साथ ही देश के कोने-कोने में मुझे इसके बाद से कार्यक्रम देने के लिए पूछा जा रहा है। मुझे उम्मीद नही थी कि इतनी बड़ी कामयाबी अल्लाह ताला मुझे अता फरमायेगा, जहां तक बिग बॉस कार्यक्रम का प्रश्न है, उसका एक अलग अनुभव था, अलग रोमांच था। इस बात का कोई गम नही कि हम फाईनल तक नही पहुंच पाये, बल्कि खुशी है कि अपने प्रदर्शन से दर्शकों को प्रभावित किया, यह मेरे लिए एक बहुत बड़ी सफलता है।

प्रश्न- आपके आदर्श हास्य कलाकार कौन हैं?

कुरैशी- मरहूम किशोर कुमार, मरहूम महमूद के साथ जॉनी लीवर और पाकिस्तान के उमर शरीफ हैं।

प्रश्न- क्या लाफ्टर चैलेंज से कॉमेडी की पूछ परख बढ़ी है?

कुरैशी बेशक इस कार्यक्रम के बाद फिल्मों और टी.वी. सीरियल में कॉमेडी को प्राथमिकता मिली है। आज कोई भी राईटर जो भी स्टोरी लिखता है उसमें कॉमेडीयन के लिए अवश्य जगह रखता है। इसके जरिये देश के हास्य कला से जुड़ी प्रतिभाओं को अपनी कला प्रदर्शन का मौका मिला है। इसके लिए स्टान टीवी परिवार, शेखर सुमन और नवजोत सिंह सिद्धू की जितनी तारीफ की जाये, उतनी कम है। आज के तनाव भरे दौर में चंद फुरसत के लम्हों में यदि हम हंस लेते हैं तो यह हमारे जिस्मानी तंदुरूस्ती के लिए टॉनिक का काम करता है। लोगों को रूलाना इतना आसान है, हंसाना उतना ही मुश्किल काम है।

प्रश्न- आपकी फिल्में और टीवी प्रोग्रामों की क्या स्थिति है

कुरैशी अभी हाल ही में नई फिल्म भावनाओं को समझो आयी है। जिसमें पहली बार 51 हास्य कलाकार एक साथ एक फिल्म में देखे गये। इसी वजह से इस फिल्म को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। इस फिल्म में मेरा किरदार एक वकील का है। इसके पहले मै बाम्बे टू गोवा, एक से बुरे दो हनुमान भक्त हवालदार फिल्म में काम कर चुका हूं। वही टीवी पर ग्रेट इंडिया लाफ्टर चैलेंज, स्टार-वन, सोनी पर कॉमडी के बादशाह, इंटरटेन टीवी पर कॉमेडी धमाल, इंडिया टीवी पर जस्ट लॉफ बाकी मॉफ, हीरो प्रोजेक्ट फॉर एचआईवी यह विज्ञापन फिल्म है। इसके अतिरिक्त अनेक विज्ञापन फिल्मों में भी मै काम कर चुका हूं। वहीं इस्ट आफ्रीका-तंजानिया, अमेरिका-न्यूजर्सी, यू0ए0ई0-दुबई, थाईलैण्ड-बैंकॉक, न्यूजीलैण्ड – आकलैण्ड, एयर्ड ऑन कनॉना में भी अपने कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुका हूं। वहीं देश में होली, दीवाली और नये वर्ष में टीवी पर दिखाये जाने वाले विभिन्न चैनलों में भी कार्यक्रम आते रहे हैं। यह क्रम लगातार जारी है। फिलहार मेरे पास फिल्मो के अलावा टीवी सीरियल के भी ऑफर हैं। बच्चों के कार्टून चैनल प्रसिद्ध शो टाकाशी फासिल में भी मैंने अपनी आवाज दी है।

प्रश्न- आपने किन-किन टीवी चैनल पर कार्यक्रम दिये हैं?

कुरैशी- जी स्माईल, सोनी, स्टान-वन, इंटरटेन टीवी, इंडिया टीवी, सब टीवी, महुआ टीवी (भोजपुरी और आकाशवाणी में सैकड़ों बार अपने कार्यक्रम एक कवि के रूप में प्रस्तुत किये हैं।

प्रश्न- आपकी पहली कविता कौन सी है?

कुरैशी मैनें सबसे पहले मंच पर अस्पताल की व्यवस्था को कलमबद्ध करते हुए इस कविता की रचना की थी। ‘‘सरकारी अस्पताल की हाल देखकर हम बेहद शर्मिंदा है, सात दिन भर्ती रहे फिर भी हम जिंदा है।

प्रश्न- आपके यादगार स्टेज शो कौन से हैं?

कुरैशी – सहारा समय के आगरा में आयोजित ताज महोत्सव एवं जोधपुर में राजस्थान पत्रिका द्वारा आयोजित हास्य कार्यक्रम एवं अहमदाबाद में पतंग महोत्सव में आयोजित कार्यक्रम जिसमें मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मध्यप्रदेश विधानमण्डल में आयोजित कार्यक्रम जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं उपस्थित थे। इसे मै अपने यादगार प्रोग्राम मानता हू। हीरोहोण्डा स्क्रीन अवार्ड में अभिनेत्री दिया मिर्जा के साथ एकंरिंग तथा मॉडल अभिनेत्री मलाईका अरोरा के ग्रुप के साथ जम्मू, हैदराबाद, बम्बई आदि स्थानों पर दिये गये कार्यक्रम भी यादगार हैं।

प्रश्न- सामान्य जीवन से गलैमर की दुनिया में आने पर कैसा महसूस करते हैं?

कुरैशी – मैने महसूस किया कि ग्लैमर की दुनिया में शोहरत और दौलत तो है, उतनी परेशानियां भी है। यहं अपनों से मिलने पर भी आदमी को कई बार दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर लोगों की चाहत और लगाव को देखकर खुशी भी होती हैं

प्रश्न- आपके कैरियर में उठान में कवियत्री एवं शायरा पत्नि का क्या रोल है?

कुरैशी – यकीनन मेरी पत्नि श्रीमति रचना एहसान कुरैशी का मेरे कैरियर में योगदान अति महत्वपूर्ण है। चूंकि वह स्वंय भी लम्बे समय से रंगमंच से जुड़ी है। इसीलिए मुझे अपने काम में किसी तरह की दिक्कतों का सामना नही करना पड़ता। आपसी तालमेल के जरिये नये कॉमेडी आयटम हम तैयार करते हैं।

प्रश्न- हास्य कलाकार बनने के लिए किन किन बातों की जरूरत होती है?

कुरैशी – जो नयी प्रतिभायें इस फिल्ड में आना चाहती है, उन्हे अपने शब्दकोश का भण्डार बढ़ाना एवं किसी भी घटनाक्रम को श्रोताओं के मूड को भांपते हुए प्रस्तुत करने की कला सीखना चाहिए।

प्रश्न- आपकी इच्छाएं क्या है?

कुरैशी – एक सफल कलाकार और समाजसेवी बनना।

प्रश्न- अंत में आपका कोई पंसदीदा शेर?

कुरैशी – मेरे उस्ताद अब्दुल रब सदा साहब का शेर:-

सरे मैदान बहादुरी की निशानी दे दी,

खून से लिखी हुई अपनी कहानी दे दी।

मादरे हिन्द ने जब मांगी दूध की कीमत,

मादरे हिन्द के बेटों ने जवानी दे दी।

 

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