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आओ खेलें वैदिक होली - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
विमलेश बंसल ‘आर्या’ होली को पावन त्यौहार आज कछु ऐसे मनाऊँगी। लगाकर सबके चंदन माथे, सौम्य हो जाऊंगी। बड़ों को करके ॐ नमस्ते, छोटों को हृदय लगाऊंगी। नवान्न आटे की गुजिया बना, प्रसाद बनाऊंगी। वृहद यज्ञ सामूहिक कर के नौत खिलाऊंगी। उंच नीच का भेद भुलाकर, प्रीति निभाऊंगी उत्तम पेय…