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कचरे का डिब्बा घर है अब, चूहे की सेज बिस्तर मेरा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
शिखा वार्ष्णेय ये किसी कविता की पंक्तियाँ नहीं जीवन का यथार्थ है कुछ लोगों का। लन्दन का मिनी इंडिया कहा जाने वाला इलाका साउथ हॉल, वहां का एक डस्ट बिन रूम, वहीँ अपने अपने फटे हुए, खैरात में मिले स्लीपिंग बैग में सोये हुए जीते जागते इंसान, शरीर के ऊपर…