प्रेम और केवल प्रेम …

poetry

आज कुछ बात मन को हिलाकर रख दिया
बीते लम्हों को उमंगित कर मजबूर कर दिया
सोचा नहीं था मुलाकात होगी तुमसे आज ” गांवली ”
पास जाकर यकीन हुआ …
मेरा तुमसे मुलाक़ात होना
प्यार भरा वो पल
केवल प्रेम और केवल प्रेम था

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here