pravakta.com
प्रेम, दाढी और धडकनें - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आज रास्ते में रमेश मिला था. चेहरे पर चार इंच की उगी झाड़ियों में से झांकते चेहरे को मैं नहीं पहचान पाया किन्तु मेरा उन्नत ललाट उसकी समझ से दूर नहीं रहा. अचानक उसने मुझे पुकारा तब मैंने आवाज़ के आधार पर कद-काठी देखकर कयास लगाया कि यह तो रमेश होना चाहिए और वो रमेश ही निकला. कोई सफाचट गाल वाला यदि चेहरे पर अचानक दाढ़ी कि खेती करने लगे तो इसके दो ही कारण हो सकते हैं- 'या तो…