‘लव जेहाद’ देश को तोड़ने की साजिश

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-रमेश पाण्डेय-

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‘लव’ यानि प्रेम अपने आप में पवित्र शब्द है। इस शब्द का इस्तेमाल आत्मिक पवित्रता को दृष्टिगत रखते हुए किया जाता है। प्रेम करने वाला अपने साथी से कभी छल, प्रपंच या फिर धोखा नहीं देगा, ऐसी भारतीय संस्कृति है। इन दिनों कई मामले ऐसे सामने आ रहे हैं, जिनमें प्रेम के नाम पर युवतियों के साथ साजिशन धोखा किया जा रहा है। ऐसी घटनाएं निश्चित रुप से देश को तोड़ने की साजिश जैसी दिखती हैं। ऐसी घटनाओं से समाज में विखराव, आपसी वैमनस्यता की भावना पनप रही है। खासकर उत्तर प्रदेश में तो साम्प्रदायिक दंगे का रुप ऐसी घटनाएं ले रही हैं। बावजूद इसके भी ऐसी घटनाओं में सख्ती से कार्रवाई नहीं की जा रही है। हाल ही में झारखंड राज्य की दो घटनाएं प्रमुख रुप से सामने आयी हैं, जो देश की साम्प्रदायिक एकता के लिए बेहद खतरनाक हैं। पहला मामला रांची में आया, जहां एक महिला खिलाड़ी के साथ धोखा देकर उसका धर्म परिवर्तन कराया गया। दूसरा मामला भी इसी राज्य में रांची के बाद चतरा में कथित लव जेहाद का मामला सामने आया है। लड़के पर हिंदू बनकर लड़की का यौन शोषण करने का आरोप है। चतरा जिले के लावालौंग व प्रतापपुर थाना क्षेत्र से सटे बरवाटोला-माडो गांव से पुलिस ने ग्रामीणों की सूचना पर छापेमारी कर मोहम्मद यासीन उर्फ एहसान नाम के युवक को गिरफ्तार किया। युवक सोनू सिंह के नाम से फर्जी पहचान पत्र बनाकर युवती का लंबे समय से यौन शोषण कर रहा था। चतरा जिले के टोला गांव निवासी ज्योति (काल्पनिक नाम) के होश उस वक्त उड़ गए जब उसे पता चला कि जिस युवक से उसने प्यार किया वह हिंदू नहीं, मुसलमान था। युवती के साथ उसका तथाकथित प्रेमी यासीन उर्फ सोनू सिंह के नाम पर फर्जी पहचानपत्र बनाकर लंबे समय से उसका यौन शोषण कर रहा था। युवती उसे अपनी जात-बिरादरी का समझ कर उससे प्यार करने लगी थी। असलियत की भनक लगते ही गांव वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। खबर मिलते ही सोनू उर्फ यासीन युवती को लेकर फरार हो गया। ग्रामीणों ने लड़के का पीछा करते हुए लावालौंग थाना क्षेत्र के माडो गांव में उसे लड़की के साथ पकड़ लिया। यासीन के पास से सोनू सिंह के नाम का फर्जी वोटर आईडी कार्ड निकला. जब पुलिस ने गहनता से जांच की तो यासीन ने बताया कि वह सोनू सिंह के नाम से युवती के करीब आया था। युवती ने बताया कि उसे नहीं पता था कि सोनू दूसरे धर्म का है। सबसे आश्चर्य की बात तो ये है कि दोनों कई बार हजारीबाग के एक होटल में भी गए और भाई-बहन बताकर वहां रुके। उस दौरान भी यासीन ने फर्जी पहचानपत्र का ही सहारा लिया था। ऐसी घटनाएं देश में साम्प्रदायिक एकता के लिए खतरे की घंटी है। कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता व गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो सामने आने का मामला सुर्खियों में रहा। इस वीडियो के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की गई थी कि हिन्दू एक के बदले 100 मुस्लिम युवतियों को हिन्दू बनाएं। सवाल है कि क्या ऐसा करने से इन घटनाओं पर विराम लग सकेगा। या फिर इसका कोई और तरीका होगा। कानून के साथ ही सामाजिक ताना बाना बना रहे, इसके लिए सभी सम्प्रदाय के धर्म गुरुओं को आगे आकर पहल करनी होगी। अगर ऐसा न हुआ तो आने वाला समय बेहद खतरनाक साबित होगा और देश साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं से झुलसेगा।

1 COMMENT

  1. आजकल कि ये घटनाएँ तथाकथित सेकुलरवादियों के लिए ऑंखें खोलने के लिए काफी हैं. पर ऐसा होगा नहीं क्यों कि उन्हें इसमें कोई खतरा नजर नहीं आ रहा दीखता .खास कर के मुलायमसिंह और उनके बेटे अखिलेश को.

    केंद्र सर्कार को सख्ती से काम लेना चाहिए.

    बिपिन कुमार सिन्हा

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