प्रेम की माला

loveकच्चे धागे प्रेम के, थोड़ा खिचतें ही बिखर जाएँ,

चढ़ाओं इस पर धार विश्वास की ताकि पक्के हो जाए।

पहनों इसको ध्यान से कहीं उलझन न कोई पड़ जाए,

सुलझाओं फिर धैर्य से ताकि सिकुड़न न पड़ पाए।।

प्रेम की डोर को तानों उतना ही कि टूटने न पाये,

जुड़ने को पड़ी गांठ से फिर वह बात न आ पाए।

स्नेह, सम्मान और विश्वास के इसमें मोती लगााओ,

त्याग, समर्पण और सहयोग से इसकी चमक बढ़ाओ।।

सुख शान्ति रहे मन में, जीवन सफल बन जाए,

पहने माला प्रेम की तो बिन मांगें ईश्वर भी मिल जाए।।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here