pravakta.com
महाश्वेता, मेधा, अरुंधती और अंधकारमय भारत का भविष्य - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-पंकज झा सवाल तो यह है कि अगर टुच्चे लुटेरों के लिए भारतीय दंड संहिता के पन्ने काम आये तो अरुंधती के लिए गाँधी वांग्मय इस्तेमाल करने का दोहरापन क्यू? प्रख्यात लेखिका मन्नू भंडारी की आत्मकथा है ‘एक कहानी यह भी’. इस कृति के बहाने यूं तो वह अपने और…