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शराबी लोकतंत्र की खराबी का राज - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
राकेश कुमार आर्य पुरोहित कपिल दो सोने की मोहरें पाने के लिए राजा को आशीर्वाद देने गये। राजा ने कहा-”जितना चाहिए मांग लो।” कपिल के मन में लोभ आ गया। वे बोले-”राज सोचकर आता हूं।” कपिल सोचने लगे-दो सोने की मोहरों से क्या होगा? चार मांग लूं? अरे, जब राजा…