कई स्कूलों में होगा मां भारती का जलगान

0
150

सीसीडीयू के आईईसी अनुभाग की नई पहल
पानी बचाने का संदेश देगा यह कार्यक्रम

बाङमेर: राज्य भर में पानी बचाने और जल का अपव्यय रोकने के लिए काम कर रहा सीसीडीयू का आई ई सी अनुभाग रेतीले बाङमेर में एक खास पहल की शुरुआत करने जा रहा है। बाङमेर के कई विद्यालय सीसीडीयू के आई ई सी अनुभाग के इस खास कार्यक्रम से रुबरु होते नजर आयेंगे।

सीसीडीयू के आईईसी कंसलटेट अशोक सिंह ने बताया कि अगले महीने बाङमेर के कई विद्यालयों मंे ’मां भारती का जलगान कार्यक्रम’ आयोजित किया जायेगा। मां भारती का जलगान में पानी के उस पूरे चक्र को शामिल किया गया है, जिसमें कि पानी भाप बनकर किस तरह पर्वतों में बादल का रूप लेने के बाद बरसात के रूप में फिर से धरा पर पहुंचता है। इसी पानी के चलते नदी, बांध, पोखर, नाले, खेत और पनघट पर हंसी आबाद है। जल से ही सारी सभ्यतायें हैं। जल एक ही है, पर अनेक है। जलााधार की बात को सार्थक करने वाले इस कार्यक्रम में बच्चों के साथ-साथ बङांे को भी जोङा जायेगा।

इस नवीन पहल का मकसद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पानी के पूरे चक्र को सरलता से न केवल समझाना है, बल्कि वर्तमान हालात में पानी को लेकर लापरवाह हो चुकी सोच को भी बदलना है। एक तरफ बच्चे जहां हर तरह के सकारात्मक संदेश को बहुत जल्दी ग्रहण कर लेते हैं, वहीं दूसरी तरफ बच्चे से बात बङों तक भी सहजता तक पहुंच जाती है।

आने वाली गर्मियों की छुट्टियों से पहले इस नवीन पहल को धरा पर उतारने के पीछे एक मकसद यह भी है कि बच्चे इन गर्मियों की छुट्टियों में पानी बचाने की बात करें। सिंह ने बताया कि ’मां भारती का जलगान कार्यक्रम’ स्कूलों के बाद काॅलेजों और जिला मुख्यालय के साथ ग्रामीण इलाकों में मौजूद आवासीय मदरसों में भी यह कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।

यह है मां भारती का जलगान
जयति जय जय जल की जय हो
जल ही जीवन प्राण है।
यह देश भारत….

सागर से उठा तो मेघ घना
हिमनद से चला नदि प्रवाह।
फिर बूंद झरी, हर पात भरी
सब संजो रहे मोती-मोती।।
है लगे हजारों हाथ,
यह देश भारत…..

कहीं नौळा है, कहीं धौरा है
कहीं जाबो कूळम आपतानी।
कहीं बंधा पोखर पाइन है
कहीं ताल, पाल औ झाल सजे।।
कहीं ताल-तलैया ता ता थैया,
यह देश भारत….

यहां पनघट पर हंसी-ठिठोली है
नदी तट पर लगती रोली है।
जल मेला है, जल ठेला है
जल अंतिम दिन का रेला है।।
जल पंचतत्व, जल पदप्रधान
यह देश भारत….

जल वरुणदेव, नदियां माता
जल ही वजु-पूजा-संस्कार।
जल से सारी सभ्यतायें
जल एक ही है, पर नेक आधार।
मां भारती का जलगान है यह
यह देश भारत…..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here