खास विचारधारा की नहीं, विचारों की साइट है प्रवक्ता.कॉम – पीयूष द्विवेदी भारत

pravaktaसन २००७-०८ का समय रहा होगा जब पहली बार अंतर्जाल पर सक्रिय हुआ ! लिखने-पढ़ने की प्रवृत्ति तो बचपन से ही थी, अतः अंतर्जाल पर भी उसी तरह की चीजें खोजने लगा ! अंतर्जाल पर लेखन की शुरूआत अपने ब्लॉग से किया जो कि अधिक सफल नही रहा ! कुछ समय बाद धीरे-धीरे कुछ वेबसाइट्स से परिचय हुआ जिनमे जनोक्ति.कॉम, अविनाश का मोहल्ला लाइव और ये प्रवक्ता.कॉम प्रमुख रहे ! ये बताने में मुझे कोई हिचक नही है कि लेखन के शुरूआती समय में मेरी कई रचनाएँ, लेख आदि शायद गुणवत्ताहीन होने के कारण प्रवक्ता पर नही छपे ! ये बताते हुए अपनी अबोधता पर खेद होता है कि रचनाएं न छपने के कारण उसवक्त मुझे प्रवक्ता पर बहुत क्रोध आ रहा था ! पर सच्चाई यही थी कि उसवक्त मै बहुत बुरा लिखता था, इसीलिए प्रवक्ता पर नही छप सका था ! और भी कुछ जगहों पर कोशिश किया, पर कोई खास सफलता नही मिली ! काफी निराश हुआ था ! पर बावजूद इसके मै रुका नही ! गलत-सही, अच्छा-बुरा, जैसा समझ में आया लगातार लिखता रहा ! बार-बार विफल रहने के कारण अब मेरे लिए छपने का कोई विशेष अर्थ नही रह गया था ! अब मै सिर्फ लिखने के लिए लिखता था, वो भी अपने ब्लॉग पर ! शायद सही ही कहा गया है कि निरंतर अभ्यास हमारे गुणों का विकास करता है ! सों, निरंतर लिखते रहने के कारण अब मेरी लेखनी में काफी सुधार आ चुका था ! समय बीतता रहा और आखिर मेरी रचनाएं वेबसाइट्स पर भी प्रकाशित होने लगीं ! तमाम वेबसाइट्स पर तमाम रचनाएं छपीं और इसी क्रम में प्रवक्ता पर भी मेरे लेखन की शुरूआत हुई ! प्रवक्ता से जुड़ने की इच्छा काफी पुरानी थी, अतः जुड़ा तो बहुत अच्छा महसूस हुआ !

प्रवक्ता पर प्रायः इस तरह के आरोप लगते रहते हैं कि ये एक खास विचारधारा से प्रभावित साईट है ! इसका बड़ा जोरदार उदाहरण भी मुझे मिल चुका है ! हुआ यूँ कि एकबार मैंने प्रवक्ता पर प्रकाशित अपने एक लेख का लिंक अपने एक मित्र (जो कि खुद भी एक प्रतिष्ठित वेबसाईट के ‘मोडरेटर’ हैं) को भेजी ! वो मेरे लेख पर तो कुछ खास नही बोले, पर ये जरूर कहे, “हाँ, ये संघ और बीजेपी की साईट है” उनके ऐसा कहने पर उनसे काफी लंबी बहस हुई, पर कोई निष्कर्ष नही निकला ! वैसे इस संदर्भ में अगर अपनी बात करूँ तो अधिक कुछ नही कहते हुए सीधे-सीधे इस साईट से ही सम्बंधित कुछ तथ्य सामने रखूंगा जो कि सारी तस्वीर को साफ़ कर देते हैं ! अतः प्रवक्ता को एक खास विचारधारा की साईट कहने वाले लोगों से मेरा सिर्फ इतना आग्रह है कि वो एकबार इस वेबसाईट पर मौजूद लेखकों के बारे में, उनकी विचारधारा के विषय में पता कर लें, वो जान जाएंगे कि प्रवक्ता किसी खास विचारधारा की नही, वरन विचारों की साईट है ! अगर आपकी लेखनी में दम है तो यहाँ आपके लिए पूरी और सम्मानपूर्ण जगह है ! फिर चाहें आप कोई बेनाम हों यां (नाम)वर !

अंततः इन्ही विचारों के साथ प्रवक्ता.कॉम को अपने पाँच सफल वर्ष पूर्ण करने की अनेक शुभकामनाएँ देते हुए इश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ कि प्रवक्ता.कॉम इसी प्रकार निरंतर उन्नति प्राप्त करता रहे और आम-खास सभी की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम बना रहे !

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