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“प्रवक्ता” का लेखक होना मेरे लिये गर्व का विषय है / राजीव रंजन प्रसाद - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
ई-पत्रिकाओं के इतिहास को अभी बमुश्किल पाँच-छ: वर्ष ही हुए हैं। आरंभ में इन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया; बीतते समय के साथ एक नये शब्द का सृजन हुआ – वैकल्पिक मीडिया। अब यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि विश्वसनीयता के लिये वैकल्पिक माध्यमों की ओर ही गंभीरतापूर्वक देखा जाता…