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अगले जनम मोहे..... - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-विजय कुमार बाबा तुलसीदास लिख गये हैं - हानि लाभ जीवन मरण, यश अपयश विधि हाथ। सभी संतों ने इसे अपनी-अपनी तरह से कहा है। जहां तक पुर्नजन्म की बात है, भारतीय धर्म और पंथ तो इसे मानते हैं; पर विदेशी मजहब इसे स्वीकार नहीं करते। पिछले दिनों एक गोष्ठी…